रंग लाई सिद्धू की बाजवा को दी गई जादू की झप्पी, पाकिस्तान करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोलने पर राजी!
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत में कांग्रेस सांसद और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के उस अनुरोध को मान लिया है जिसमें उन्होंने पाक के पंजाब में स्थित करतारपुर कॉरीडोर को खोलने की मांग की थी। अब गुरुनानक देव जी की 550वीं जन्मतिथि पर कॉरीडोर को खोलने का फैसला किया गया है। आपको बता दें कि अगस्त में जब इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो सिद्धू को भी इनवाइट किया गया था। सिद्धू के इस दौरे पर विवाद जरूर हुआ लेकिन इस पर चर्चा भी उसी दौरे पर हुई थी। ये भी पढ़ें-Video: पाक के जनरल बाजवा ने दी भारत से हिसाब लेने की धमकी
नवजोत सिंह सिद्धू ने किया स्वागत
नवजोत सिंह सिद्धू जो कि पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री भी हैं, उन्होंने इमरान खान के इस फैसले का स्वागत किया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने इमरान के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है, 'पाकिस्तान गुरुनानकजी की 550वीं जन्मतिथि पर करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोलने को राजी हो गया है। पंजाब के लोगों के लिए इससे ज्यादा खुशी की बात कोई और नहीं हो सकती है।' नवंबर में गुरुनानक जी की जन्मतिथि होती है और इस मौके पर काफी सिख श्रद्धालु वहां पर जाने की इच्छा रखते हैं। भारतीयों को बिना वीजा करतारपुर साहिब के दर्शन का मौका मिल सकेगा।
सुषमा स्वराज से की गई थी अपील
22 अगस्त को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से केंद्र सरकार को इस बाबत एक चिट्ठी लिखी गई थी। इस चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब जाने की इजाजत के लिए प्रयास किए जाएं। कैप्टन अमरिंदर ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सामने भी यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने सुषमा से अपील की थी कि वह अपने पाकिस्तान समकक्ष के सामने यह मुद्दा उठाएं ताकि श्रद्धालुओं को गुरुनानक जी की जन्मतिथि के मौके पर एतिहासिक गुरुद्वारे के दर्शन का अवसर मिल सके।
क्यों हुआ था सिद्धू के दौरे पर विवाद
नवजोत सिंह सिद्धू जब पाकिस्तान गए थे तो उनके दौरे को लेकर काफी विवाद हुआ था। यहां पर सिद्धू पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिले थे। उनके गर्मजोशी से गले मिलने को लेकर काफी आलोचना हुई। लेकिन कहा जा रहा है कि सिद्धू के प्रयासों का ही नतीजा है जो पाक इस कॉरीडोर को खोलने पर राजी हुआ है। सिद्धू ने जनरल बाजवा से गले मिलने पर जब मीडिया को जानकारी दी तो उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान, भारतीयों के लिए करतारपुर साहिब के दरवाजे खोलने का फैसला ले सकता है और इसलिए ही मैंने उन्हें गले लगाया था।'
क्या है करतारपुर साहिब की अहमियत
करतारपुर कॉरीडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र जगह है। करतारपुर साहिब सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं पर उनका निधन हुआ था। बाद में उनकी याद में ही यहां पर गुरुद्वारा भी बनाया गया। करतारपुर साहिब, पाकिस्तान के नारोवाल जिले में है जो पंजाब मे आता है। यह जगह लाहौर से 120 किलोमीटर दूर है। जहां पर आज गुरुद्वारा है वहीं पर 22 सितंबर 1539 को गुरुनानक देवजी ने आखिरी सांस ली थी।