इस बार पाकिस्तान में नई सरकार का भविष्य तय करेंगे हिंदू वोटर्स, गैर-मुस्लिम वोटर्स की संख्या में इजाफा!
पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं और इससे पहले यहां पर मतदाताओं से जुड़े नए आंकड़ें सामने आए हैं। इन आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो पाकिस्तान में गैर-मुसलमान मतदाताओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं और इससे पहले यहां पर मतदाताओं से जुड़े नए आंकड़े सामने आए हैं। इन आंकड़ोंं पर अगर यकीन करें तो पाकिस्तान में गैर-मुसलमान मतदाताओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। पाकिस्तान के अखबार डॉन की ओर से इस बारे में एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जब साल 2013 में 2.77 मिलियन गैर मुसलमान मतदाता था और अब पांच वर्ष बाद यह संख्या बढ़कर 3.63 मिलियन तक पहुंच गई है यानी इसमें 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसका मतलब यह भी कि पाक में किसी भी सरकार का भविष्य हिंदू मतदाताओं के हाथ में होने वाला है।
हिंदु, क्रिश्चियन और पारसी मतदाता बढ़े
डॉन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-मुसलमान मतदाता यानी अल्पसंख्यकों में सबसे ज्यादा संख्या हिंदू मतदाताओं की है। साल 2013 में गैर-मुसलमान मतदाताओं की संख्या में आधे हिंदू थे लेकिन इस बार मामला ऐसा नहीं है। साल 2013 में हिंदू मतदाताओं की संख्या 1.40 मिलियन थी जबकि साल 2018 में यह बढ़कर 1.77 मिलियन पर पहुंच गई है। वहीं गैर-हिंदू अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। डॉन की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिंदूओं के बाद गैर-मुसलमान मतदाताओं के ईसाई मतदाताओं की भी संख्या में इजाफा हुआ है। इस बार करीब 1.64 मिलियन क्रिश्चियन वोट देने के अधिकारी हैं। ईसाई मतदाताओं की संख्या में हिंदूओं की तुलना में खासा इजाफा हुआ है। हिंदूओं और क्रिश्चियन के अलावा पाकिस्तान में पारसी मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है।
31 मई को पूरा होगा सरकार का कार्यकाल
पाकिस्तान के चुनाव आयोग की ओर से पिछले हफ्ते एक औपचारिक चिट्ठी जारी की गई थी। इस चिट्ठी में आयोग ने 25 और 27 जुलाई के बीच आम चुनाव कराने का प्रस्ताव राष्ट्रपति को दिया था। इसके बाद आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। पाक में कानून के मुताबिक चुनाव आयोग को आम चुनाव कराने के लिए राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखनी होती है और राष्ट्रपति के पास तारीखें तय करने का अधिकार होता है। पाकिस्तान की वर्तमान सरकार का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो रहा है लेकिन आम चुनाव 25 जुलाई को होने हैं। इससे पहले एक जून को नई कार्यवाहक सरकार अपना जिम्मा संभाल लेगी।
दूसरी बार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा
सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व न्यायाधीश रहे नसीर-उल-मुल्क को कार्यवाक प्रधानमंत्री बनाया गया है। मुल्क की सरकार तब तक अपनी जिम्मेदारी संभालेगी जब तक पाकिस्तान में नई सरकार का गठन नहीं हो जाता। यह पाकिस्तान के इतिहास में लगातार दूसरा मौका है जब किसी सरकार ने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया था। पाकिस्तान में मई 2013 में चुनाव हुए थे। इससे पहले साल 2008 में भी जब पाकिस्तान में चुनाव हुए थे तो उस समय चुनी गई सरकार ने भी पांच वर्ष का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया था।