पूर्व मुख्य न्यायाधीश नसीर-उल-मुल्क बने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री
पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके नसीर-उल-मुल्क को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री घोषित किया गया है। पाकिस्तान की इस संसद का कार्यकाल 11 मई को पूरा हो चुका है लेकिन आम चुनाव 25 जुलाई को होने हैं।
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके नसीर-उल-मुल्क को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री घोषित किया गया है। पाकिस्तान की इस संसद का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो रहा है लेकिन आम चुनाव 25 जुलाई को होने हैं। इससे पहले एक जून को नई कार्यवाहक सरकार अपना जिम्मा संभाल लेगी। मुल्क के नाम का ऐलान विपक्ष के नेता खुर्शीद शाह की ओर से इस्लामाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान किया गया। मुल्क के नाम के ऐलान से पहले शाह और प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी की मुलाकात हुई थी। इसी मुलाकात में मुल्क के नाम पर चर्चा हुई। अब्बासी भी इस प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद थे और पाकिस्तान नेशनल एसेंबली के स्पीकर अयाज सादिक भी मीडिया से मुखातिब थे।
छह हफ्तों से जारी था गतिरोध
शाह ने जानकारी दी कि किसी के भी नाम को भी खारिज नहीं किया गया था। मुल्क का चयन उनकी योग्यता के आधार पर किया गया। उनके नाम के ऐलान से पहले सभी पार्टियों को भरोसे में लिया गया था और फिर उन्हें प्रधानमंत्री बनाए जाने का फैसला हुआ था। शाह ने कहा कि इस बात की खुशी है कि वर्तमान सरकार अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने में सफल रही है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि जुलाई में होने वाले आम चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र होंगे। वहीं अब्बासी ने कहा कि जो भी नाम इस पद के लिए चुने गए थे वह अपने आप में योग्य थे। सोमवार को हुए ऐलान के साथ ही सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और विपक्ष में चला आ रहा गतिरोध भी समाप्त हो गया। छह हफ्तों से सरकार और विपक्ष के बीच कई मीटिंग्स हुईं लेकिन इसके बाद भी अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम को लेकर रजामंदी नहीं बन पा रही थी। कई लोग मान रहे थे कि इस मुद्दे को अब संसदीय समिति के पास भेजा जा सकता है।
कौन हैं मुल्क
जस्टिस मुल्क का नाम 17 अगस्त 1950 को स्वात घाटी के मिंगोरा में हुआ था। उन्होंने इनर टेंपल लंदन से बार-एट-लॉ की डिग्री ली और फिर 1977 में बार के लिए उनका चयन हो गया। उनके पिता कामरान खान एक बिजनेसमैन थे और उन्हें स्वात घाटी में धर्मार्थ कार्यों के लिए आज तक लोग जानते हैं। गोल्फ के शौकीन मुल्क को पेशावर हाई कोर्ट में जज बनने से पहले 17 वर्षों तक सभी क्षेत्रों में वकालत का अनुभव था। कुछ वर्षों तक पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए। साल 2014 में उन्हें पाकिस्तान के 22वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ दिलाई गई थी।