FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक रखा नोटिस पर, एक्शन प्लान में फेल तो होगा कड़ा एक्शन
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पेरिस। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक का समय दिया है। शुक्रवार को एफएटीएफ ने इस बात को लेकर पाक को वॉर्निग दे डाली है कि अगर उसने इतने समय में आतंकियों के खिलाफ कड़ा एक्शन नहीं लिया तो फिर उसे सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। पाक को साफ तौर पर कह दिया है कि अगली प्लानिंग मीटिंग पर उस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसके साथ ही एफएटीएफ ने सभी सदस्यों से अपील की है कि वे अपने यहां वित्तीय संस्थाओं को निर्देश दें कि पाकिस्तान के साथ व्यासायिक संबंधों और व्यापार पर खास ध्यान दिया जाए।
ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान
पिछले वर्ष जून में पाकिस्तान, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में आया था। टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने में असफल रहने की वजह से पाक को ग्रे लिस्ट में डाला गया था। पांच दिनों से पेरिस में संगठन की मीटिंग जारी है। अगर पाक को ब्लैकलिस्ट किया जाता तो वह ईरान और नॉर्थ कोरिया की ही तरह संस्था में प्रतिबंधित हो जाता। आर्थिक संकट और रुपए की किल्लत का सामना करता पाकिस्तान इसी तरह से अगर ग्रे लिस्ट में रहा तो फिर प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और वर्ल्ड बैंक से देश के लिए फंड जुटाना खासी दिक्कत का काम हो जाएगा। पाकिस्तान हमेशा भारत पर आरोप लगाता रहता है कि वह इसे ब्लैकलिस्ट कराने के लिए लॉबिंग कर रहा है।
इस हफ्ते शुरू हुई थी मीटिंग
अब एफएटीएफ में उसका सारा भरोसा चीन, टर्की और मलेशिया पर टिका है। किसी भी देश के लिए ब्लैकलिस्टिंग से बचने के लिए तीन वोटों की जरूरत होती है। 206 देशों के लिए प्रतिनिधियों की मीटिंग इस हफ्ते पेरिस में शुरू हुई थी। छह दिनों की इस मीटिंग में वैश्विक सुरक्षा के लिए आतंकवाद, अपराध और टेरर फाइनेंसिंग से निबटने के उपायों पर चर्चा हुई थी। पाक के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई आर्थिक मामलों के मंत्री हमाद अजहर कर रहे हैं। अजहर की मानें तो देश ने 27 में 20 प्वाइंट्स को लागू करने में सफलता हासिल की है। एफएटीएफ, जिसकी अगुवाई चीन कर रहा है, उसने भी पाक की ओर से उठाए गए कदमों पर संतुष्टी जताई है।