चीन, मलेशिया और टर्की बने हैं FATF में पाकिस्तान का सुरक्षा कवच
इस्लामाबाद। शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की अहम मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग में पाकिस्तान पर अहम फैसला लिया जाने वाला है। संस्था की ओर से उन कदमों पर नजर दौड़ाई जाएगी जो पाक ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिग को रोकने के लिए उठाए हैं। माना जा रहा है कि पाक के रुख से असंतुष्ट संस्था ने इस देश पर कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली है।
चीन, टर्की और मलेशिया, पाकिस्तान से खुश
पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल जिसकी अगुवाई आर्थिक मामलों के मंत्री हमाद अजहर कर रहे हैं, उसकी तरफ से एफएटीएफ को मीटिंग में बताया गया है कि उनके देश ने आतंकियों को काबू में करने में बड़े कदम उठाए हैं। अजहर की तरफ से कहा गया है कि पाक ने 27 में से 20 प्वाइंट्स पर प्रगति की है। अजहर की मानें तो इन प्वाइंट्स को एफएटीएफ की तरफ से तैयार एक्शन प्लान में बताया गया था। वहीं एफएटीएफ की ओर से भी इस बात पर संतोष जाहिर किया गया है कि पाक ने कई अहम क्षेत्रों में संतुष्ट करने वाले कदम उठाए हैं। यह जानकारी भी सामने आ रही है कि चीन, टर्की और मलेशिया ने भी पाक के कदमों की सराहना की है मगर सरकार की तरफ से प्रस्तावित टैक्स स्कीम को लेकर चिंता जताई गई है।
पाक को फिर मिला चार माह का समय
बताया जा रहा है कि एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान को अगले चार माह के अंदर टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए और ज्यादा कदम उठाने के लिए कहा गया है। फरवरी 2020 में ही यह अंतिम फैसला लिया जाएगा कि पाक को ब्लैक लिस्ट किया जाए या नहीं। शुक्रवार को एफएटीएफ की ओर से इस बात का आधिकारिक ऐलान होगा कि पाक पर संस्था की तरफ से क्या फैसला लिया गया है। पाक के अखबार डॉन ने वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता उमर हमीद खान के हवाले से कहा है कि जब तक पूरा बयान नहीं आ जाता तब तक किसी भी मीडिया रिपोर्ट के आधार पर किसी मीडिया रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की जा सकती है। अगस्त माह में एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) की तरफ से पाकिस्तान की तरफ से लिए गए कदमों को अपर्याप्त मानते हुए इस पर चिंता जताई गई थी। पाक हर तीन माह में एपीजी को अपनी परफॉर्मेंस की जानकारी देने के लिए बाध्य है।