पाकिस्तान के पीएम इमरान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जवाब, जम्मू कश्मीर का मसला बातचीत से निबटाओ
वॉशिंगटन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को यूएनएससी की मीटिंग से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कॉल किया। जम्मू कश्मीर पर ट्रंप की मदद के मकसद से की गई इस फोन कॉल में इमरान को ट्रंप ने स्पष्ट संदेश दे दिया कि वह इस पर कुछ नहीं कहेंगे। व्हाइट हाउस की ओर से बताया गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ पाकिस्तान को वार्ता के लिए कहा है। आपको बता दें कि यूएनएससी में भी पाकिस्तान के आर्टिकल 370 और जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर तमाचा खाने को मजबूर होना पड़ा है।
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20 मिनट तक हुई वार्ता
व्हाइट हाउस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ट्रंप ने फोन कॉल पर इमरान के सामने वार्ता पर जोर दिया। उन्होंने इमरान को कहा कि कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ तनाव द्विपक्षीय वार्ता के जरिए कम करने की कोशिश की जाए। ट्रंप और इमरान की यह फोन कॉल यूएनएससी की मीटिंग के ठीक पहले हुई जिसमें न्यूयॉर्क में बंद कमरे में कश्मीर पर चर्चा की जा रही थी। व्हाइट हाउस की तरफ से मीटिंग खत्म होने के बाद फोन कॉल को लेकर रीडआउट जारी किया गया। यूएनएससी की मीटिंग में सभी 15 सदस्य मौजूद थे।
खुद को कश्मीर से दूर रख रहे ट्रंप
व्हाइट हाउस के डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी होगान गिड्ले की तरफ से बयान जारी किया गया। इस बयान के मुताबिक राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को कम करने के लिए वार्ता की अहमियत पर जोर दिया है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के हालातों पर इमरान से द्विपक्षीय वार्ता के लिए कहा है। ट्रंप ने इमरान के साथ जम्मू कश्मीर के हालातों के अलावा इमरान की अमेरिका यात्रा के बाद क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। इमरान पिछले माह पहले अमेरिकी दौरे पर गए थे।
ट्रंप ने दिया इमरान को झटका
ट्रंप का रवैया निश्चित तौर पर इमरान के लिए चौंकाने वाला है क्योंकि करीब एक माह पहले ही उन्होंने कश्मीर मसले में मध्यस्थता की बात कही थी। ट्रंप ने 22 जुलाई को इमरान के साथ व्हाइट हाउस में मीटिंग करते हुए कहा था कि वह कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए तैयार हैं। इसके 10 दिन बाद ट्रंप ने फिर मध्यस्थता की पेशकश की थी लेकिन भारत ने दोनों ही बार उनकी पेशकश को ठुकरा दिया था।
अमेरिका ने माना भारत का आंतरिक मसला
पांच अगस्त को जब भारत ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के हटाने का ऐलान किया था तो अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से बयान जारी किया गया था। इस बयान में कहा गया था कि अमेरिका हर पल जम्मू और कश्मीर में होने वाले घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है। एलओसी पर शांति और स्थिरता बरकरार रखने के साथ ही अमेरिका ने जम्मू कश्मीर को भारत का आतंरिक मसला माना था। विदेश विभाग ने की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने कहा था जम्मू कश्मीर को भारत अपना एक आतंरिक मसला करार देता है।