नरेंद्र मोदी ने बुलाया बराक ओबामा को तो नवाज ने बुलाया जिनपिंग को
इस्लामाबाद। जब से भारत में नई सरकार का गठन हुआ है तब से ही एशिया में समीकरण काफी तेजी से बदल रहे हैं। अब पाकिस्तान ने भारत की तर्ज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को मिलिट्री डे के मौके पर खास मेहमान बनने के लिए आमंत्रित किया है।
फिलहाल चीन की ओर से इस बात की कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि जिनपिंग ने यह न्यौता स्वीकार किया है या नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी ने जब गणतंत्र दिवस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को बतौर खास मेहमान देश में आने के लिए आमंत्रित किया तब से पाकिस्तान और चीन में हलचल मची हुई है।
23 मार्च को है परेड
पाक में अगले माह नेशनल डे के मौके पर ज्वाइंट मिलिट्री परेड के आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। इस परेड को करीब सात वर्ष बात आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2008 में जब परवेज मुशर्रफ पाक के राष्ट्रपति थे तब आखिरी बार इस परेड का आयोजन हुआ था।
रावलपिंडी में आयोजित होने वाली परेड के लिए इस बार जिनपिंग को पाक ने अपनी सेना की ताकत देखने के लिए आमंत्रित किया है। पाक की तीनों सेनाएं इसमें अपनी भागीदारी पेश करेंगी। इस मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।
यह सिर्फ नेशनल मिलिट्री डे का मौका नहीं है बल्कि पाक दुनिया के सामने अपनी सेना का शक्ति प्रदर्शन भी करना चाहता है। वर्ष 2008 के बाद से सुरक्षा कारणों की वजह से कभी भी इस परेड को आयोजित नहीं किया गया था।
भारत और अमेरिका को जवाब
जब से ओबामा गणतंत्र दिवस की परेड में शिरकत करने के लिए भारत आए तब से ही पाक और चीन में अजीब सी बेचैनी महसूस की गई। इस मौके के बाद से ही भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक नया बदलाव आया।
खुद ओबामा ने इस मौके को दोनों देशों के लिए एतिहासिक पल करार दिया। चीन की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर ही बयान जारी किया गया कि भारत और अमेरिका की दोस्ती सिर्फ दिखावटी है।
इसके बाद चीन ने एक और बयान दिया जिसमें कहा कि पाक चीन का एक सदाबहार दोस्त है जो कभी भी नहीं बदलेगा। इन बयानों के आधार पर ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत के पड़ोस में अमेरिका की करीबी के बाद हलचल कितनी तेज हो गई हैं।