पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी से मिलने से चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने किया इनकार
बीजिंग। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक इंटरव्यू में चीन को ही अपना साथी बताया है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इस पुराने साथी ने भी पाक को किनारे करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी गुरुवार रात बीजिंग पहुंचे हैं। कुरैशी को यहां पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करनी थी। लेकिन अब जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक जिनपिंग ने कुरैशी से मिलने से साफ इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस साल के अंत में जिनपिंग, पाकिस्तान की यात्रा पर जाने वाले हैं और उनके दौरे से जुड़ी तैयारियों के बारे में कुरैशी को चर्चा करनी थी।
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चीन में शर्मसार हुए कुरैशी
कुरैशी ऐसे समय में चीन पहुंचे हैं जब सऊदी अरब के साथ रिश्ते तल्ख हो चुके हैं और दोनों देशों में तनातनी जारी है। कुरैशी की चीन यात्रा को पाकिस्तान की मीडिया ने 'बहुत महत्वपूर्ण' करार दिया है। पाक मीडिया की मानें तो उनका दौरा दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने वाला है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस बार चीन का रुख पहले से कहीं ज्यादा सख्त है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिर जिनपिंग ने कुरैशी से मिलने से क्यों इनकार किया है। पाकिस्तान एयरफोर्स के विमान से चीन रवाना होने से पहले कुरैशी ने एक वीडियो मैसेज में कहा, 'यह दौरा पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को प्रदर्शित करने वाला है।'
चीन से उधार लेकर चुकाया सऊदी का कर्ज
पिछले दिनों सऊदी अरब ने पाकिस्तान से अपने एक बिलियन डॉलर वापस मांगे। यह रकम सऊदी ने पाकिस्तान को कर्ज के तौर पर दी थी। पाक ने चीन से एक बिलियन डॉलर उधार लेकर सऊदी अरब का उधार चुकाया था। सूत्रों की मानें तो अब दो बिलियन डॉलर देने के लिए चीन ने शर्त रख दी है कि अगर पाकिस्तान को रकम चाहिए तो फिर उसे गिलगित-बाल्टिस्तान का कुछ हिस्सा बदले में देना होगा। एक हफ्ते में यह दूसरी ऐसी घटना है जिसमें पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। इसी हफ्ते पाक आर्मी के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा को भी इसी तरह की शर्मिंदगी सऊदी अरब में झेलनी पड़ी है। मंगलवार को सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने से मिलने से इनकार कर दिया था।
MBS ने जनरल से मिलने से किया इनकार
कुरैशी के बयान के बाद सऊदी अरब के भड़के हुए तेवरों को शांत कराने के लिए जनरल बाजवा आनन-फानन में वहां पहुंचे थे। बाजवा, इंटेलीजेंस एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के चीफ के साथ सोमवार को सऊदी अरब पहुंचे थे। खलीज टाइम्स के मुताबिक सऊदी के एक और प्रिंस, रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद ने तो बाजवा से मुलाकात की लेकिन एमबीएस ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। बाजवा ने कई बार एमबीएस से मीटिंग के लिए समय मांगा और हर बार उन्हें बताया गया कि वह बिजी हैं। इसके बाद एमबीएस ने उन्हें साफ तौर पर कहा कि वह उनसे नहीं मिलना चाहते हैं।
सऊदी अरब बोला-चीन का साथ छोड़ो
पिछले दिनों पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट शाहिद मेटला ने अपने शो न्यूज वन में दावा किया था कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान को साफ-साफ कहा है कि वह भारत के खिलाफ चीन का समर्थन करना बंद करे। कुरैशी ने ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) से अपील की थी कि वो कश्मीर मसले पर विदेश मंत्रियों की एक मीटिंग बुलाए। इस समय ओआईसी का मुखिया सऊदी अरब ही है। उन्होंने सऊदी अरब को इसके बाद वार्निंग भी दी। उनकी वॉर्निंग के बाद से ही लगातार दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। मेटला की मानें तो दोनों के बीच तनाव की वजह कश्मीर नहीं बल्कि चीन है। हालांकि पाक सरकार की तरफ से इस दावे को खारिज कर दिया गया था।