चीन के 'अहसान' की वजह से CPEC पर बदल गए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के सुर, प्रोजेक्ट को बताया तरक्की का विकल्प
बीजिंग। चीन ने कहा है कि वह अपने पुराने दोस्त पाकिस्तान को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए हर संभव मदद करेगा। दोनों देशों के बीच चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट का विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच 16 समझौतों पर साइन हुए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने पहले आधिकारिक दौरे पर चीन में हैं। यहां पर उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकियांग के साथ वार्ता की है। इमरान और चीनी नेतृत्व के बीच हुई वार्ता में ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया। इमरान ने अपने चीन दौरे पर अरबों डॉलर वाले सीपीईसी से जुड़े मतभेदों पर जिनपिंग से बात की। इमरान के इस दौरे का अहम मकसद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के बेलआउट पैकेज से बचने का भी था।
CPEC हर पाकिस्तानी का कल्पना
शुक्रवार को इमरान और जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में खान ने यह बात स्वीकारी थी कि उनका देश इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने मौद्रिक घाटे और वर्तमान में चल रहे व्यापार घाटे की तरफ भी इशारा किया। चीनी पीएम ली की ओर से खान के लिए औपचारिक स्वागत का आयोजन किया गया था। यहां पर ली ने इमरान खान का स्वागत करने के बाद कहा कि पाकिस्तान हमेशा से ही चीन की विदेश नीति का प्राथमिक हिस्सा भी रहेगा। इमरान ने ली का शुक्रिया अदा किया। पाक पीएम ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ता साल 2013 में सीपीईसी की वजह से और गहरा हो गया है जब सीपीईसी सिर्फ एक आइडिया ही था और अब यह हकीकत बन चुका है। साथ ही सीपीईसी पाकिस्तान के लोगों की कल्पनाओं को भी पूरा कर रहा है।
कभी सीपीईसी के विरोधी थे इमरान
इमरान की मानें तो पाक, चीन को अपनी तरक्की के विकल्प के तौर पर देख रहा है। इमरान कभी पाक में नवाज शरीफ सरकार के समय लॉन्च हुए सीपीईसी के मुखर विरोधी थे। अब उनके सुर बदल गए हैं और वह सीपीईसी को एक ऐसे मौके के तौर पर देख रहे हैं जिसकी बदौलत पाकिस्तान के लोगों का रहन-स्तर सुधरेगा और यह तरक्की को नई दिशा देगा। इमरान तो यहां तक बोल गए कि सीपीईसी के बाद से साल 2013 के बाद काफी बदलाव पाक में आया है। इमरान जब पाक के पीएम बने हैं, चीन ने उनकी चिंताओं को समझने और उसे दूर करने का विचार कर लिया है। चीन ने पाक की बात मानते हुए बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के पश्चिमी क्षेत्र ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट्स लाने पर ध्यान केंद्रित करने का मन बनाया है।
दोनों देशों के बीच 16 समझौते
खान और ली के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच 16 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इनमें से कई समझौते कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने से जुड़े हैं। इसके अलावा टेक्निकल ट्रेनिंग से भी एक सौदा जुड़ा है। हालांकि अभी तक चीन की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि वह पाकिस्तान को छह बिलियन डॉलर का कर्ज दे रहा है। पाकिस्तान ने बेलआउट पैकेज के लिए पहले ही आईएमएफ से अपील की है। लेकिन पीएम इमरान खान चाहते हैं कि पैकेज की धनराशि कुछ कम हो जाए। इस बारे में पूछे जाने पर चीनी उप-विदेश मंत्री कोंग शुआनयू ने बस इतना कहा कि चीन आर्थिक संकट में फंसे पाक की हरसंभव मदद करेगा। पाक मीडिया की ओर से दावा किया गया है कि छह बिलियन डॉलर के पैकेज में चीन की तरफ से 1.5 बिलियन डॉलर का कर्ज और सीपीईसी के लिए तीन बिलियन डॉलर की रकम शामिल होगी।