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चीन ने पाकिस्‍तान को 2 बिलियन डॉलर देने से मना किया, कहा-हमें कर्ज के बदले चाहिए गिलगित-बाल्टिस्‍तान!

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बीजिंग। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी गुरुवार रात चीन की राजधानी पहुंच गए। कुरैशी के दौरे के साथ ही एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक चीन ने पाक को दो बिलियन डॉलर का लोन देने से साफ इनकार कर दिया है। कुरैशी ऐसे समय में चीन पहुंचे हैं जब सऊदी अरब के साथ रिश्‍ते तल्‍ख हो चुके हैं और दोनों देशों में तनातनी जारी है। इससे पहले मंगलवार को ही प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक इंटरव्‍यू में कहा है कि पाकिस्‍तान का भविष्‍य इसके पुराने साथी चीन से जुड़ा है।

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चीन से उधार लेकर चुकाया है सऊदी का कर्ज

चीन से उधार लेकर चुकाया है सऊदी का कर्ज

पिछले दिनों सऊदी अरब ने पाकिस्‍तान से अपने एक बिलियन डॉलर वापस मांगे। यह रकम सऊदी ने पाकिस्‍तान को कर्ज के तौर पर दी थी। पाक ने चीन से एक बिलियन डॉलर उधार लेकर सऊदी अरब का उधार चुकाया था। सूत्रों की मानें तो अब दो बिलियन डॉलर देने के लिए चीन ने शर्त रख दी है कि अगर पाकिस्‍तान को रकम चाहिए तो फिर उसे गिलगित-बाल्टिस्‍तान का कुछ हिस्‍सा बदले में देना होगा। कुरैशी ने अपने समकक्ष वांग वाई के साथ मीटिंग की है। उनकी मुलाकात राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से भी होने वाली है। गिलगित-बाल्टिस्‍तान, पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) का वह हिस्‍सा है जिस पर भारत अपना दावा जताता है।

भारत ने दी है पाकिस्‍तान को वॉर्निंग

भारत ने दी है पाकिस्‍तान को वॉर्निंग

भारत ने इस वर्ष मई में गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्‍तान को अल्‍टीमेटम भी दिया था। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से पाकिस्‍तान, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आए एक आदेश के बाद पाक को इसे खाली करने के लिए कहा गया था। भारत ने कहा था कि उसे तुरंत यह हिस्‍सा छोड़ देना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्‍तान को साफ कर दिया था कि जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र जिसमें गिलगित-बाल्टिस्‍तान का हिस्‍सा भी आता है, वह भारत का आंतरिक भाग है और भारत के पास इस पर अखण्‍डनीय और कानूनी अधिग्रहण का अधिकार है।

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साल 2009 में पाकिस्‍तान ने बदला नाम

साल 2009 में पाकिस्‍तान ने बदला नाम

पाकिस्‍तान को यह भी साफ कहा गया कि इस मसले पर भारत की स्थिति साल 1994 में संसद में पास हुए प्रस्‍ताव में नजर आई थी जिसे सर्वसम्‍मति से पास किया गया था। पाकिस्‍तान या फिर इसकी न्‍यायपालिका के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह इस पर गैर-कानूनी और जबरन कब्‍जा करे। भारत ने पाक को दो टूक कहा कि पाक को इस पर अपने सभी गैर-कानूनी कब्‍जे को छोड़ देना चाहिए और जम्‍मू कश्‍मीर में किसी तरह का बदलाव करने की कोशिशें नहीं करनी चाहिए। पाकिस्‍तान ने साल 2009 में पहली बार गिलगित-बाल्टिस्‍तान की स्थिति में बदलाव करना शुरू किया था। उस समय पाक सरकार की तरफ से गिलगित-बाल्टिस्‍तान एम्‍पावरमेंट एंड सेल्‍फ गर्वनेंस ऑर्डर को लाया गया था।

चीन का CPEC गुजरता है इधर से

चीन का CPEC गुजरता है इधर से

गिलगित-बाल्टिस्‍तान की सीमाएं पश्चिम में खैबर-पख्‍तूनख्वा से, उत्तर में अफगानिस्तान के वाखान कॉरिडोर से, नॉर्थ ईस्‍ट में चीन के शिन्जियांग से, दक्षिण में पीओके से और साउथ-ईस्‍ट में भारतीय जम्मू व कश्मीर और लद्दाख से लगती हैं। गिलगित-बल्तिस्तान का कुल क्षेत्रफल 72,971 वर्ग किलोमीटर है। इस क्षेत्र की जनसंख्‍या करीब दस लाख है और इसका एडमिनिस्‍ट्रेटिव सेंटर गिलगित शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग ढाई लाख है। चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का फेवरिट प्रोजेक्‍ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) इसी इलाके से गुजरने वाला है। चूंकि ये विवादित इलाका है, इसलिए चीन चाहता है कि सीपीईसी के तैयार होने के पहले इसके तमाम कानूनी पहलू पूरे कर लिए जाएं।

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English summary
China refuses to give 2 billion dollar loan to Pakistan asks part of Gilgit-Baltistan in exchange.
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