पाकिस्तान की मुल्तान की जेल से हुई आसिया बीबी की रिहाई, चार्टर प्लेन से नीदरलैंड के लिए रवाना
लाहौर। क्रिश्यिचन महिला आसिया बीबी जो ईशनिंदा की दोषी थीं और जिन्हें पिछले दिनों पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था, मुल्तान की जेल से रिहाई दे दी गई है। पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आसिया को मुल्तान से रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस लाया गया और यहां से उन्हें नीदरलैंड शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि इस पर पाकिस्तान की पंजाब सरकार की ओर से किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया है।
पति ने लगाई थी अमेरिकी राष्ट्रपति से गुहार
लाहौर स्थित टीवी न्यूज चैनल की ओर से बताया गया कि आसिया को मुल्तान में महिलाओं के लिए बनी जेल से आजाद किया गया था। लाहौर से मुल्तान की दूरी करीब 350 किलोमीटर है। बुधवार को उन्हें नूर खान एयरबेस लाया गया और यहां पर एक एक चार्टर प्लेन की मदद से उन्हें नीदरलैंड भेज दिया गया। 47 वर्ष की आसिया चार बच्चों की मां हैं और साल 2010 में उन्हें ईशनिंदा का दोषी माना गया था। पड़ोसियों के साथ किसी झगड़े में उन पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगा था। आसिया ने खुद को हमेशा ही बेकसूर बताया था लेकिन इसके बाद भी उन्हें आठ वर्षों तक जेल में रहना पड़ा था। इससे पहले इटली की ओर से कहा गया था कि वह पाकिस्तान छोड़ने में आसिया की मदद करने की दिशा में काम कर रहा है। आसिया के पति की ओर से चेतावनी दी जा चुकी थी कि आसिया की जिंदगी खतरे में है। उनके पति आशिक मसीह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी इस मसले में अपील की थी। साथ ही यूके और कनाडा के प्रधानमंत्रियों से भी गुहार लगाई थी कि वे आसिया की पाकिस्तान छोड़ने में मदद करें।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुए प्रदर्शन
तहरीक-ए-लाबायक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रवक्ता हाफिज शहबाज अट्टारी की ओर से कहा गया है कि इमरान खान की सरकार ने आसिया बीबी को रिहा किया है क्योंकि इस्लामाबाद में नीदरलैंड के राजदूत ने मुल्तान जेल पहुंचकर आसिया से उनकी रिहाई का वादा किया था। अब उन्हें नीदरलैंड भेजा जा रहा है। हाफिज ने अपनी पार्टी के वर्कर्स को आदेश दिया था कि वह इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इकट्ठा हों और उन्हें देश न छोड़ने दें। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने एतिहासिक फैसले में आसिया को ईशनिंदा के आरोपों से रिहा कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पाकिस्तान में जगह-जगह पर प्रदर्शन हुए थे। टीएलपी और कई दूसरे संगठनों ने देश के बड़े हाइवे और सड़कों को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया था।