जम्मू कश्मीर पर रो रहे इमरान को अमेरिका ने दिया बड़ा झटका, पाकिस्तान को 70,000 करोड़ रुपए की मदद बंद
वॉशिंगटन। पाकिस्तान के बुरे दिन कम होने के बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर मसले पर अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान को अमेरिका ने एक करारा झटका दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद में 440 मिलियन डॉलर की कटौती की है यानी अगर पाकिस्तानी रुपयों में इसकी बात करें तो यह रकम 70,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान का अमेरिका के इस नए ऐलान के बाद क्या होगा, उसे शायद खुद भी नहीं मालूम है।
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साल 2010 में पास हुआ था बिल
पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि जो मदद अमेरिका की तरफ से रोकी गई है वह, पाकिस्तान एनहैंस्ड पार्टनरशिप एग्रीमेंट 2010 (पेपा) के तहत मिलती थी। अखबार की तरफ से बताया गया है कि अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने फैसले से उनके वॉशिंगटन दौरे से तीन हफ्ते पहले ही आगाह कर दिया था। पेपा को सितंबर 2010 में साइन किया गया था। इसके बाद केरी लुगार बेरमैन (केएलबी) एक्ट को पास किया गया। अक्टूबर 2009 में केएलबी को साइन किया गया था।
आतंकवाद पर लचर रवैया
इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को अगले पांच वर्षों तक 7.5 बिलियन डॉलर की मदद देने का फैसला किया था। इससे पहले केएलबी के तहत मिलने वाली रकम करीब 4.5 बिलियन डॉलर थी। अब इस कटौती के बाद यह रकम 4.1 बिलियन डॉलर हो गई है। पिछले वर्ष सितंबर में अमेरिका ने पाकिस्तान के दी जा रही 300 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद रोक दी थी। अमेरिका ने तब पाक पर आतंकवाद को रोकने का आरोप लगाते हुए रकम रोकने का फैसला किया था।
पिछले वर्ष भी बंद हुई मदद
पिछले वर्ष यानी जनवरी 2018 में पेंटागन की तरफ पाक को एक बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद रोकने का फैसला भी किया गया था। उस समय भी तत्काली अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटीस ने कहा था कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क पर लगाम लगाने में पूरी तरफ से विफल रहा है।
ट्रंप ने लगाई इमरान को फटकार
पिछले माह भी जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान से मुलाकात की थी तो उन्होंने मदद पर अपना रुख साफ किया था। ट्रंप ने पाकिस्तान के रवैये पर इमरान के सामने आलोचना की थी। ट्रंप ने कहा था, 'हमनें पाकिस्तान को कई वर्षों तक 1.3 बिलियन डॉलर की मदद की थी। लेकिन समस्या यह है कि वह हमारे लिए कुछ नहीं कर रहा था। वह हमारे खिलाफ जा रहा था। इसलिए मैंने डेढ़ वर्ष पहले 1.3 बिलियन डॉलर की मदद खत्म कर दी थी।'