एक पाकिस्तानी जो हामिद अंसारी के लिए जेल में ले जाती थी चीज-बर्गर!
इस्लामाबाद। छह वर्षों से पाकिस्तान की सेंट्रल जेल में बंद भारतीय नागरिक हामिद अंसारी अब भारत वापस लौट गए हैं। गुरुवार को हामिद अपने गृहनगर मुंबई पहुंचे और यहां पर उनके करीबी दोस्तों और पारिवारिक सदस्यों ने उनका जोर-शोर से स्वागत किया। हामिद को इंसाफ मिले इसके लिए जहां पाकिस्तान के मशहूर वकील काजी मुहम्मद अनवर ने उनका केस कोर्ट में लड़ा तो मानवाधिकार कार्यकर्ता रक्षंदा नाज ने भी इस लड़ाई में बराबर शामिल रहीं। रक्षंदा ने भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में बताया कि हामिद का केस लड़ने में उन्हें क्या मुश्किलें आईं और हामिद से जेल में मुलाकात की उनकी क्या यादें हैं। रक्षंदा एक वकील भी हैं। यह भी पढ़ें-जिस लड़की से था हामिद को प्यार, पाक कोर्ट में दर्ज है उसकी गवाही
चश्मे के बिना नहीं देख सकते थे हामिद
रक्षंदा ने बातचीत में कहा है कि हामिद का केस उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि वह एक ऐसे भारतीय नागरिक के लिए इंसाफ मांग रही थीं जिस पर जासूसी का आरोप लगा था। रक्षंदा ने बताया कि जेल में जब वह पहली बार हामिद से मिलीं तो उनके पास चश्मा तक नहीं था। वह ठीक से देख भी नहीं सकते थे। हामिद पहली बार रक्षंदा को देखकर डर गए थे क्योंकि एक बूढ़ी महिला जेल में उनसे मिलने के लिए बेकरार थी। हालांकि अब हामिद के घर लौटने के बाद जब रक्षंदा ने फोन पर उनसे बात की तो दोनों इस वाकये पर हंसे बिना नहीं रह सके। यह भी पढ़ें-24 घंटे में केवल एक बार पेशाब की इजाजत, पाकिस्तानी जेल में टॉर्चर की कहानी
जेल में लेकर जाती थीं चीज बर्गर और दूध
नाज खास मंजूरी के बाद जेल में हामिद के लिए चीज बर्गर, चावल ओर दूध लेकर जाती थीं। कई बार जब हामिद को अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो नाज ने उनकी देखभाल की। हामिद की मां फौजिया नियमित तौर पर नाज से बात करने के लिए पाकिस्तान जरूर कॉल करती थीं। हालांकि पाकिस्तानी नागरिक होने के नाते नाज को इस बात का भी डर था कि एक भारतीय के साथ उनका संपर्क काफी मजबूत हो गया है। साल 1999 में भी नाज की वजह से पाकिस्तान जेल से एक भारतीय नागरिक की रिहाई हो सकी थी। नाज इस समय महिला अधिकारों के लिए काम करती हैं और साथ ही साथ कानूनी सहायता मुहैया कराती हैं।
रक्षंदा ने बताया हामिद को बेकसूर
रक्षंदा ने बताया कि जब अंसारी साल 2012 में खैबर पख्तूनख्वा के कोहट में अपनी ऑनलाइन गर्लफ्रेंड से मिलने पहुंचे थे तो उसके पिता ने हामिद को बताया कि उसकी शादी हो चुकी है। उस लड़की की उम्र अब 27 वर्ष है और कभी उसकी मुलाकात हामिद नहीं हुई थी। नाज पहली बार दिल्ली के एक्टिविस्ट्स की वजह से इस केस को जान सकी थी। इसके बाद उन्हें इस केस के डॉक्यूमेंट्स मिले और फिर उन्होंने काजी मोहम्मद अनवरी के साथ केस पर काम करना शुरू किया। नाज ने मिन्नतें की थी जब जेल से हामिद को जेल से रिहा किया जाए तो उन्हें इस मंजर को देखने दिया जाए। रक्षंदा ने बताया कि उन्होंने हामिद और उस लड़की के बीच हुई चैट्स को पढ़ा है। चैट्स के बाद यह साफ होता है कि हामिद पूरी तरह से बेकसूर हैं।