26/11: चीन पर बात आई तो आतंकवाद का खात्मा करने का वादा लेकिन भारत के साथ दोगला बर्ताव
इस्लामाबाद। कराची में चीनी दूतावास पर आतंकी हमले से घबराए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने वादा किया है कि उनका देश आतंकियों को खत्म करके रहेगा और इस बात में किसी को कोई शक नहीं हो चाहिए। इमरान का यह बयान आना स्वाभाविक है क्योंकि चीन ने उनके देश में सीपीईसी जैसे प्रोजेक्ट के जरिए 60 बिलियन डॉलर का निवेश जो किया हुआ है। लेकिन जो इमरान खान आज प्रधानमंत्री पद पर बैठकर आतंकवाद के खात्मा करने की बात कर रहे हैं, उन्हीं इमरान ने अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन की मौत पर सवाल उठाया था और कई बार उनके मंत्री 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ नजर आते हैं। हैरानी की बात है कि इमरान को इस पर कोई भी आपत्ति नहीं है। यह भी पढ़ें-इमरान ने कहा कभी हमला चीन के साथ दोस्ती कमजोर नहीं कर सकता
लादेन पर क्या बोले इमरान खान
पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली करीब 1200 करोड़ रुपए की मदद पर रोक लगा दी है। ट्रंप ने दुनिया को याद दिलाया कि पाकिस्तान ने अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को पनाह दी और यह बात छिपाकर रखी। इस पर इमरान ने ट्रंप को जवाब दिया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ जितना योगदान दिया है, उतना किसी और ने नहीं दिया है। इमरान ने साल 2011 में अमेरिका कार्रवाई में लादेन के मारे जाने पर यह कहा था कि पाकिस्तान ने अपना सम्मान खो दिया है। साथ ही उन्होंने सरकार और इंटेलीजेंस पर भी सवाल उठाया। लेकिन इमरान खान ने भारत के न्यूज चैनल एनडीटीवी को इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में इमरान ने कहा कि बेहतर होता कि लादेन को मारने की जगह उसे अजमल कसाब की तरह ट्रायल पर रखा जाना चाहिए।
हाफिज सईद पर भी नरम
मुंबई हमलों को लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया और इसका सरगना हाफिज सईद हमलों का मास्टरमाइंड था। साल 2012 में इमरान खान ने अपने उस कदम को सही बताया था जिसमें उन्होंने हाफिज सईद से संपर्क साधा था। इमरान ने जिस समय हाफिज सईद से संपर्क किया, उस समय तक वह जमात-उद-दावा (जेयूडी) की शुरुआत कर चुका था और इसे लीड कर रहा था। इमरान ने भारतीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि राजनीतिक पार्टियों को लोगों को बायकॉट नहीं करना चाहिए। इमरान के शब्दों में, 'अगर मैं एक राजनेता के तौर पर किसी हिंसक संगठन के साथ संपर्क करता हूं तो इसमें क्या गलत है?' पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के मुखिया इमरान ने यह भी कहा पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को यह तय करना है कि हाफिज सईद मुंबई हमलों में शामिल था। वह कानून व्यवस्था में यकीन रखने वाले व्यक्ति है और कोर्ट की तरफ से सभी चीजों का निर्धारण होना चाहिए।
कसाब की फांसी पर क्या था बयान
नवंबर 2012 में मुंबई हमलों में जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी दे दी गई थी। कसाब की फांसी की तरफ से इमरान की पार्टी पीटीआई की तरफ से बयान जारी किया गया। पार्टी ने कहा कि जिस तरह से भारत ने कसाब को फांसी दी है उसी तरह से पाकिस्तान को सरबजीत को फांसी दे दी जानी चाहिए। 'तालिबान खान' के नाम से मशहूर रहे इमरान, ने साल 2014 में ड्रोन हमले में हुई तालिबान नेता हकीमुल्ला मेहसूद की मौत को जान बूझकर की गई हत्या करार दिया था। अपने इन बयानों और इन अंदाजों से किस तरह आतंकवाद का खात्मा करेंगे, कोई नहीं जानता है। मुंबई हमलों की 10वीं बरसी पर हाफिज सईद पाकिस्तान में आजाद घूम रहा है और अमेरिका पाक के रवैये से खासा नाराज है।