पाकिस्तान के गिलगित में फिर से 14 स्कूलों को लगाई गई आग, स्थानीय नागरिकों का शक सेना पर
कराची। पाकिस्तान में एक बार फिर से स्कूलों को आग के हवाले कर दिया गया है। इस बार उत्तर पाकिस्तान में 14 स्कूलों को आग लगाई गई है। स्थानीय लोगों को शक है कि पाकिस्तान की सेना स्कूलों में हो रही आग की घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। पिछले माह यहां पर लड़कियों के 12 स्कूलों को आग के हवाले कर दिया गया था। इस घटना के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई ने ट्वीट किया और इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
सीपीईसी की वजह से स्कूल बन रहे निशाना!
जिस इलाके में स्कूलों को आग के हवाले किया गया है वह इलाका की चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) का अहम हिस्सा बनने वाला है। इस इलाके में करीब 20 बिलियन डॉलर का निवेश चीन की तरफ से होना है। लोगों की मानें तो 68 बिलियन डॉलर के इस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की वजह से कई स्कूलों में तोड़फोड़ की जा रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो कॉरीडोर को लेकर उनसे झूठ बोला जा रहा है। यह घटना गिलगित-बाल्टीस्तान में हुई है। अगस्त माह में पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टीस्तान क्षेत्र में आने वाले लड़कियों के 12 स्कूलों में आग लगा दी गई थी। इस घटना को कुछ अज्ञात लोगों ने एक सुनियोजित हमले के तहत अंजाम दिया। इस घटना के बाद से ही यहां के लोगों में गुस्सा था और उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया था। यहां के स्थानीय नागरिक कई बार शैक्षिणिक संस्थाओं के सुरक्षा की मांग करते आए हैं। यहां पर आतंकी अक्सर स्कूलों को निशाना बनाते आए हैं। ये 12 स्कूल गिलगित से 130 किलोमीटर दूरी पर चिलास इलाके में हैं। हमलावरों ने दियामेर जिले में स्थित इन स्कूलों की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया है। पुलिस की ओर से यह जानकारी दी गई है।
नॉर्थ पाकिस्तान में स्कूलों पर हमले आम बात
पाकिस्तान के उत्तरी इलाके में अक्सर ही आतंकी लड़कियों के लिए बने स्कूलों पर हमले करते रहते हैं। दिसंबर 2011 में यहां पर अज्ञात लोगों ने दो गर्ल्स स्कूलों में ब्लास्ट को अंजाम दिया था। साल 2004 में चिलास में लड़कियों के स्कूलों पर एक के बाद एक हमले हुए थे। उस समय नौ स्कूलों पर हमला गया था जिसमें आठ लड़कियों के स्कूल थे और इन स्कूलों को फरवरी माह में पांच दिनों के अंदर पूरी तरह से तबाह कर दिया गया था। आतंकियों ने फेडरल एडमिनिस्ट्रेटेड ट्राइबल एरियाज (फाटा) और खैबर पख्तूनख्वा में स्थित स्कूलों पर भी हमले करते रहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 दिनों में पिछड़े इलाकों में स्थित 1500 स्कूलों को नष्ट कर दिया गया है। साल 2012 में नोबल पुरस्ताकर विजेता और शिक्षा के अधिकारों के लिए लड़ने वाली मलाला युसूफजई पर भी तालिबान ने हमला किया था। साल 2017 में आई ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्लूय) की रिपोर्ट में कहा गया था कि तालिबान और दूसरे आतंकी संगठन पाकिस्तान में हजारों बच्चों खासतौर पर लड़कियों की शिक्षा प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिशों में हैं।