निमोनिया इंजेक्शन पर रेमडेसिविर का लेबल लगा कर बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 7 आरोपियों को पकड़ा
नोएडा, मई 09: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। तो वहीं, नोएडा पुलिस ने जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की हो रही कालाबाजारी का भंडोफोड करते हुए सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में एक मेरठ के सपा नेता और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर का भांजा मुशीर भी शामिल है। पुलिस पूछताछ में पकड़े गए अभियुक्तों ने बताया कि वो निमोनिया के इलाज में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन पर रेमडेसिविर का रैपर लगाकर बेचते थे।
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नोएडा जोन के एडीसीपी रणविजय सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सातों अभियुक्तों फोर्टिस अस्पताल के बाहर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने आए थे, जिन्हें सेक्टर-58 पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्त में आए सातों आरोपियों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में कोरोना वायरस के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाइयां बरामद की गई। बताया कि ये सातों आरोपी मेडिकल व्यवसाय से जुड़े हैं।
निमोनिया
की
दवा
पर
रेमडेसिविर
का
लेबर
लगा
कर
बेच
रहे
थे
एडीसीपी
ने
बताया
कि
ये
लोग
निमोनिया
में
प्रयोग
होने
वाले
एक
इंजेक्शन
के
ऊपर
रेमडेसिविर
का
रैपर
लगाकर
बेच
रहे
थे।
थाना
सेक्टर
58
पुलिस
ने
मुबीन,
सलमान
खान,
अजरुदीन,
अब्दुल
रहमान,
दीपांशु
उर्फ
धर्मवीर
और
बंटी
को
शनिवार
रात
को
कोरोना
वायरस
के
इलाज
में
प्रयोग
होने
वाली
दवाओं
का
कालाबाजारी
करने
के
आरोप
में
गिरफ्तार
किया
है।
इनके
पास
से
9
रेमडिसिवर
इंजेक्शन,
एक
बिना
लेबल
का
इंजेक्शन,
140
रैमडेसिविर
इंजेक्शन
के
नकली
रैपर,
एक
पैकेट
में
सफेद
नशीला
पदार्थ
और
अलग-अलग
कंपनियों
के
इंजेक्शन,
245000
नगद,
10
मोबाइल
फोन,
दो
मोटरसाइकिल,
एक
स्कूटी,
कंप्यूटर,
प्रिंटर,
सीपीयू
और
अन्य
सामान
बरामद
किया
गया
है।
40-45
हजार
रुपए
में
बेचते
थे
एक
इंजेक्शन
पुलिस
ने
बताया
कि
आरोपी
एक
इंजेक्शन
40
से
45
हजार
रुपए
में
बेच
रहे
थे।
जबकि
इसकी
असली
कीमत
3500
रुपए
है।
पुलिस
ने
महामारी
एक्ट
के
तहत
एफआईआर
दर्ज
करने
के
साथ
सभी
आरोपियों
पर
धोखाधड़ी
की
धारा
420
और
470
भी
लगाई
गई
है।