मायावती-अखिलेश के करीबी चीफ इंजीनियर 'यादव' के ठिकानों पर इनकम टैक्स रेड
नई दिल्ली। नोएडा विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियरिंग यादव सिंह के सेक्टर 51 स्थित घर पर आयकर विभाग ने छापा मारा। यादव पर 954 करोड़ के घोटाले का आरोप है। करोड़ों के इस घोटाले में यादव के साथ प्राधिकरण के ज्वाइंट डायरेक्टर एसके यादव भी शामिल हैं। विभागीय अधिकारियों ने घर पर मिली आउडी, महिंद्रा एसयूवी, अंबैसडर, इनोवा और स्विफ्ट डिजायर की चेकिंग की। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के करीबी माने जाने वाले यादव सिंह को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी में चीफ इंजीनियर का महत्वपूर्ण पद दिया था। छापे के दौरान यादव सिंह आउडी कार लेकर फरार हो गया।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के करीबी माने जाने वाले यादव सिंह को बीते महीने ही सपा सरकार ने यादव सिंह को एक साथ तीन प्राधिकरण का प्रमुख बनाया है जबकि इसी सरकार ने यादव सिंह के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था। आज आयकर विभाग की टीमों ने यादव सिंह के 25 से ज्यादा ठिकानो पर मारा छापा है। इनमें यादव सिंह के नोएडा, दिल्ली व गुड़गाव के ठिकानों पर यादव सिंह के पास 20 से ज्यादा बोगस कंपनिया मिली हैं।
नोएडा प्राधिकरण में 954 करोड़ रुपए के घोटाले में लिप्त रहे यादव सिंह का रसूख और समाजवादी सरकार में ऊँची पकड़ के चलते प्रमोशन दे दिया गया। यादव सिंह को ग्रेटर नोएडा और नोएडा प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर की जिम्मेदारी दी गई है। यादव को आर्थिक अनियमित्ताओं के चलते जून 2012 में निलंबित किया गया था। यादव सिंह को बीते वर्ष नवंबर में बहाल किया गया।
यादव सिंह पर आरोप है कि इसने ठेकेदारों के साथ मिलकर बिना किसी निर्माणकार्य के ही भुगतान कर दिया था। यादव ने नोएडा अथॉरटी के 954 करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के ठेके मनमानी से अपने करीबियों को बाँट दिए थे। ठेके वर्ष 2011 के दिसंबर में 10 दिनों में ही बांट दिए गए।
बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री किरीट सौमैया ने यादव सिंह की कई फर्जी कंपनियों का खुलासा किया था और यह भी आरोप लगाए थे कि उनके मायावती के भाई के साथ व्यावसायिक संबंध हैं।