गर्भवती महिला की मौत का मामला: सरकारी-प्राइवेट अस्पताल पर गिरी गाज, डीएम ने दिए 7 प्राइवेट अस्पतालों पर FIR के आदेश
नोएडा। गाजियाबाद के खोड़ा इलाके की रहने वाली 28 वर्षीय गर्भवती नीलम को इलाज न मिलने की वजह से एंबुलेंस में 6 जून को मौत हो गई थी। इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम ने जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) के पद पर तैनात डॉ. वंदना शर्मा को यहां से स्थानांतरित करने और स्टाफ नर्स राजबाला तथा वार्ड आया अनीता के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। इसके अलावा सभी सात निजी अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सीएमओ को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार पर हमला बोला था।
डीएम
सुहास
एलवाई
ने
जांच
कमेटी
का
किया
था
गठन
गर्भवती
महिला
गाजियाबाद
और
नोएडा
के
आठ
अस्पतालों
में
इलाज
के
लिए
भटकी
थी,
लेकिन
कहीं
भी
इलाज
नहीं
मिला
था।
जो
महिला
की
मौत
का
कारण
माना
जा
रहा
है।
जिला
प्रशासन
ने
संज्ञान
में
लेते
हुए
सीएमओ
और
एडीएम
को
जांच
सौंपी
थी।
सीएमओ
डॉ.
दीपक
ओहरी
ने
बताया
कि
जांच
के
बाद
रिपोर्ट
जिलाधिकारी
को
सौंप
दी
गई
है।
रिपोर्ट
में
जिला
अस्पताल,
कर्मचारी
राज्य
बीमा
निगम
(ईएसआइसी),
राजकीय
आयुर्विज्ञान
संस्थान
(जिम्स
ग्रेटर
नोएडा)
नोएडा
के
शिवालिक
अस्पताल,
फोर्टिस,
जेपी
अस्पताल
और
गाजियाबाद
के
मैक्स
अस्पताल
के
चिकित्सकों
की
लापरवाही
सामने
आई
है।
वेंटिलेटर
के
बावजूद
किया
था
रेफर
जांच
रिपोर्ट
के
अनुसार
घटना
के
दिन
ईएसआइसी
अस्पताल
में
वेंटिलेटर
की
सुविधा
के
बावजूद
गर्भवती
को
जिला
अस्पताल
रेफर
कर
दिया
गया
था।
एंबुलेंस
चालक
जिला
अस्पताल
के
डॉक्टर
को
जानकारी
दिए
बिना
महिला
को
अस्पताल
गेट
पर
छोड़कर
चला
गया।
जिला
अस्पताल
में
गर्भवती
को
इलाज
की
सुविधा
नहीं
मिलने
पर
उसे
हायर
सेंटर
के
डॉक्टरों
से
संपर्क
किए
बिना
ही
ड्यूटी
पर
तैनात
चिकित्सकों
ने
रेफर
कर
दिया।
ड्यूटी
पर
तैनात
स्टाफ
नर्स
रोजबाला
एवं
वार्ड
आया
अनीता
व
सीएमएस
डॉ.
वंदना
शर्मा
के
स्तर
से
लापरवाही
बरती
गई।
वहीं
दूसरी
ओर
निजी
अस्पतालों
ने
बेड
नहीं
होने
की
बात
का
झूठा
हवाला
देकर
मरीज
को
रेफर
किया।
जिससे
समय
से
इलाज
नहीं
मिलने
से
गर्भवती
की
मौत
हो
गई।
राजकीय
आयुर्विज्ञान
संस्थान
(जिम्स)
के
चिकित्सकों
की
लापरवाही
के
मामले
में
निदेशक
को
डॉक्टरों
के
खिलाफ
कार्रवाई
को
निर्देशित
किया
गया
है।
क्या
है
पूरा
मामला
दरअसल,
गाजियाबाद
की
खोड़ा
कॉलोनी
निवासी
8
महीने
की
गर्भवती
नीलम
की
इलाज
के
अभाव
में
शनिवार
को
मौत
हो
गई
थी।
नीलम
के
पति
बिजेंद्र
सिंह
ने
बताया
कि
उसकी
पत्नी
नीलम
की
शुक्रवार
देर
शाम
को
तबियत
अचानक
बिगड़
गई।
तबियत
खराब
होने
पर
पति
बिजेंद्र
ने
एंबुलेंस
मंगाई।
इसके
बाद
वह
अपनी
पत्नी
नीलम
को
एंबुलेंस
में
बैठाकर
रात
भर
जिम्स,
मैक्स,
ईएसआई
जिला
अस्पताल,
शिवालिक
व
शारदा
अस्पताल
के
चक्कर
काटता
रहा,
लेकिन
किसी
ने
भी
अस्पताल
ने
नीलम
को
भर्ती
नहीं
किया।
एंबुलेंस
में
तोड़ा
गर्भवती
महिला
ने
दम
इलाज
के
अभाव
में
गर्भवती
महिला
नीलम
ने
एंबुलेंस
में
ही
दम
तोड़
दिया।
बिजेंद्र
सिंह
ने
बताया
कि
उसकी
पत्नी
नीलम
का
इलाज
शहर
के
शिवालिक
अस्पताल
में
चल
रहा
था,
लेकिन
रात
को
जब
वह
उसे
लेकर
वहां
पहुंचे
तो
शिवालिक
ने
भी
भर्ती
करने
से
मना
कर
दिया
था।
सभी
का
कहना
था
कि
उनके
पास
बेड
खाली
नहीं
है।
वहीं,
डीएम
सुहास
एल
वाई
ने
गर्भवती
महिला
की
मौत
के
मामले
में
अपर
जिलाधिकारी
और
मुख्य
चिकित्सा
अधिकारी
को
जांच
सौंपी
है।
साथ
ही
डीएम
ने
तत्काल
जांच
कर
कड़ी
कार्रवाई
के
आदेश
दिए
थे।