जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगा देश का दूसरा एमआरओ सेंटर, योगी सरकार ने दी जमीन अधिग्रहण की मंजूरी
लखनऊ। देश में एयरक्राफ्ट मैनटेनेंस और रिपेयर के लिए सिर्फ एक सेंटर नागपुर में है। नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के पास एक ऐसा ही सेंटर बनाने की योजना है जिसके लिए जमीन को अधिगृहित करने की मंजूरी योगी सरकार ने दी है। जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण में एयरक्राफ्ट मैनटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग (एमआरओ) सेंटर बनाया जाएगा। इसके साथ ही दूसरे चरण में ही एयरपोर्ट के तीसरे रनवे का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट के पास एमआरओ सेंटर बन जाने के बाद एयरक्राफ्ट मैनटेनेंस विदेश में कराने की जरूरत नहीं होगी। इससे समय और ईंधन की भी बचत हो सकेगी, साथ ही यह आमदनी का जरिया भी बनेगा।
जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के निर्माण पर 2890 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की योजना है। इसके लिए सात गांवों की 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। करौली बांगर, कुरैब, बीरमपुर, दयानतपुर, रन्हेरा, नंगला शाहपुर और मुंढेरा गांवों में लोगों से जमीन लेने के लिए गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था। योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में इस पर मुहर लगा दी है। जेवर एयरपोर्ट पर पांच रनवे का निर्माण होगा। पहले चरण में दो रनवे का निर्माण किया जाएगा।
दूसरे चरण में जेवर एयरपोर्ट के पास जिस एमआरओ सेंटर को बनाया जाएगा, वह नागपुर से भी बड़ा होगा। अब तक नागपुर दूर होने की वजह से विदेशों में ही एयरक्राफ्ट मैनटेनेंस या रिपेयर करा लिया जाता है। मुंबई जाने वाले एयरक्राफ्ट को तो पास के नागपुर में मैनटेनेंस सुविधा मिल जाती है लेकिन जेवर एयरपोर्ट के पास एमआरओ सेंटर बन जाने के बाद दिल्ली आ रहे एयरक्राफ्ट का भी मैंनटेनेंस या रिपेयर कराना आसान हो जाएगा। एमआरओ सेंटर से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और देश में इस तरह की इंडस्ट्री को बढ़ावा भी मिलने की संभावना है।
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