गड़बड़ी या धोखाधड़ी: दिल्ली में बीजेपी के 28 लाख मेंबर फिर भी मात्र 29 लाख वोट
नयी
दिल्ली
(ब्यूरो)।
दिल्ली
चुनाव
में
भारतीय
जनता
पार्टी
की
करारी
हार
के
बाद
कई
तरह
की
बातें
होनी
लगी
हैं।
क्योंकि
कहने
लगा
है
कि
मोदी
मैजिक
का
खात्मा
हो
गया
तो
कोई
कह
रहा
है
कि
दिल्ली
में
बीजेपी
की
हार
फिक्स
थी।
मगर
इन
सबके
बीच
जो
चौेकाने
वाली
बात
सामने
आई
है
वो
ये
है
कि
चुनावों
से
ठीक
पहले
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
दिल्ली
में
28
लाख
मेंबर
बनाने
का
दावा
किया
था
और
उसे
चुनाव
में
29
लाख
वोट
ही
मिले
हैं।
इसका साफ मतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने आम जनता का समर्थन नहीं जुटा पाई। आपको बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी ने सितंबर में अपना मेंबरशिप अभियान आरंभ किया था और एक टेलीफोन नंबर पर मिस कॉल देकर मेंबर बनने का आह्वान किया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब भाजपा ने अपना परंपरागत तरीका छोड़कर फोन कॉल से मेंबर बनाने का तरीका अपनाया था। इससे पहले बाकायदा मेंबर बनने पर निश्चित राशि का भुगतान करना पड़ता था और उसकी रसीद भी दी जाती थी यानी तब पार्टी का सदस्य पेड मेंबर ही बन सकता था।
इस बार मुफ्त मेंबरशिप की गई। बीजेपी ने बड़े जोर-शोर से दावा किया था कि इस बार दिल्ली से 28 लाख लोग मेंबर बने हैं। मगर वोटों ने इस पूरे अभियान की पोल खोल दी। पार्टी को कुल 29 लाख 46 हजार वोट मिले हैं। जिसका मतलब यह है अगर सभी मेंबरों ने बीजेपी को वोट दिया है तो आम जनता ने बीजेपी को वोट नहीं दिया। ऐसे वोटरों की संख्या करीब डेढ़ लाख ही है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि मेंबरशिप अभियान में अवश्य ही गड़बड़ हुई है।
पार्टी का मेंबर बनाने के नाम पर लोगों ने नकली कॉल की और दावा किया कि उन्होंने बड़ी संख्या में मेंबर बना दिए हैं। उस सारी प्रक्रिया पर ही सवालिया निशान लग जाते हैं। दिल्ली प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने स्वीकार किया है कि इस मामले में चूक अवश्य हुई है। उन्होंने कहा कि हार के कारणों का आकलन करते समय मेंबरशिप अभियान पर भी चर्चा की जाएगी।