शादियों में बुलाई जा रहीं उज्बेकिस्तान की लड़कियां, पर क्या करने के लिये...
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। साउथ दिल्ली के बड़े से एक फार्म हाऊस में शादी का जश्न चल रहा है। संगीत और मदिरा का वहां पर मौजूद मेहमान आनंद ले रहे हैं। तमाम मेहमानों की भीड़ में आप दर्जनों यूरोपीय बालाओं को भी देखते हैं। ये वहां पर आए मेहमानों को शराब का जमा पिलाने में मदद करने से लेकर डांस कर रही हैं।
कौन है ये। थोड़ा सा पूछताछ करने पर पता चला कि ये बालाएं उज्बेकिस्तान से संबंध रखती हैं। राजधानी के फार्म हाउसों के मालिक इन्हें शादियों के मौसम में यहां ले आते हैं। ये 6-7 महीनों के वीजा पर आती है। फार्म हाऊस के मालिकों से हमारा मतलब उन फार्म हाऊसों के स्वामियों से है, जो अपने यहां शादी के भव्य आयोजन करतेहै।
फूंकते हैं पैसा
एक-एक शादी के जश्न में दो-चाऱ करोड़ रुपये फूंक दिये जाते है।गत रविवार को इस लेखक को भी एक इस तरह के आयोजन में जाने का मौका ला। विवाह समारोह एक बेहद मशहूर फार्म हाउस में हो रहा था। करीब दो हजार लोग वहां पर थे। वहां पर ही उज्बेक बालाएं। पता चला कि इन उज्बेक बालाओं को बुलाने पर करीब 5-6 लाख रुपये का खर्चा आता है।
एक प्लेट का खर्चा
हालांकि सारे आयोजन पर तो बहुत तीन-चार करोड़ खर्च हो जाते हैं। यहां पर एक प्लेट का खर्चा करीब 3500 रुपये रहता है। बता दें कि एक दौर में उज्बेकिस्तान हिस्सा होता था सोवियत यूनियन का। इसके करीब हैं कज़ाख़िस्तान, ताज़िकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अफ़गानिस्तान। यह 1991 तक सोवियत संघ का एक घटक था। उज़्बेकिस्तान के प्रमुख शहरों में राजधानी ताशकंद के अलावा समरकंद तथा बुख़ारा का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ के मूल निवासी मुख्यतःउज़्बेक नस्ल के हैं।
देह व्यापार में भी
जानकारों का कहना है कि ये उज्बेक बालाएं देह व्यापार में भी लिप्त रहती हैं। इनके कस्टमर पैसे वाले ही होते हैं।