10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण: सरकारी विभाग, बैंकों में तेजी से घटी नौकरियां
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने जहां एक तरफ सवर्ण जातियों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया है जो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का रुप ले चुका है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी नौकरियों को लेकर जो आंकड़ा सामने आया है, इससे पता चलता है कि इन युवाओं को घटती नौकरियों की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार,केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई), यहां तक कि बैंक में भी लगातार नौकरियां कम हो रही हैं।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार,कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा पिछले तीन वर्षों में मुख्य एजेसियों- संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी),कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी),रेलवे भर्ती बोर्ड(आरआरबी)- द्वारा भर्ती के आंकड़े इकठ्ठा किए गए हैं। इन आंकड़ो से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2015 में 1,13,524 उम्मीदवारों का चयन और नियुक्ति हुई थी। जबकि इसकी तुलना में वित्तीय वर्ष साल 2017 में 1,00,933 उम्मीदवारों का चयन और नियुक्ति हुई।
वहीं भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय से प्राप्त अलग-अलग आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2014 में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम(सीपीएसई) में कर्मचारियों की संख्या 16.91 लाख थी, जो वित्तीय वर्ष 2017 में घटकर 15.23 लाख हो गई। लेकिन 2017 में इसमें थोड़ी बढोतरी देखने को मिली, इससे पहले चार साल में लगातार गिरावट देखी जा रही थी।
हालांकि, इसमें अगर कॉन्ट्रैक्चुअल और कैज्युअल श्रमिकों की संख्या को निकाल दिया जाए तो, तो वित्तीय वर्ष 2017 में सीपीएसई द्वारा काम करने वालों की संख्या 11.31 लाख थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2016 में ये 11.85 लाख थी। इस दौरान कर्मचारियों की संख्या में 4.60 प्रतिशत की कमी आई।
वहीं बैंकों के मामले में, आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कुल रोजगार में लगभग 4.5 प्रतिशत की बढोतरी हुई लेकिन यो बढ़ोतरी अधिकारियों की नियुक्ति की वजह से हुई। वहीं बैंको की अन्य दो अन्य नौकरियों की श्रेणियों - क्लर्क और अधीनस्थ कर्मचारियों (सबऑर्डिनेट स्टाफ) में भर्ती वित्तीय वर्ष 2015 और वित्तीय वर्ष 2017 के बीच लगभग 8 प्रतिशत नीचे चली गई।
जब भारी उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी से सीपीएसई रोजगार में गिरावट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीपीएसई में मैनपावर प्लानिंग और तैनाती उनके बिजनेस प्लास के उद्देश्यों और लक्ष्यों, मौजूदा व्यावसायिक स्थितियों एवं आवश्यकताओं और भविष्य के संचालन, विस्तार और निवेश योजना आदि जैसे अन्य कारकों से जुड़ी है। मैनपावर रोजगार में बदलाव के अन्य कारणों में सीपीएसई की रिटायरमेंट और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना शामिल हैं।
गौरतलब है यूपीएससी सिविल सर्विस और उससे जुड़ी सेवाओं के लिए परीक्षा आयोजित करता है और एसएससी विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों में निचले पदों के लिए परीक्षा आयोजित करता है। जबकि आरआरबी और आरआरसी (रेलवे रिक्रूटमेंट सेल) रेलवे के लिए भर्ती करते हैं।