तीसरा मोर्चा कभी विकल्प नहीं बन सकता है: अरूण जेटली
जेटली का कहना है कि तीसरे मोर्चे की आवश्यक अपेक्षा यह है कि ये दल कांग्रेस और भाजपा से दूर हो। जबकि सच तो यह है कि सपा की मदद से पिछले दस सालों से केंद्र में सरकार रही है, वहीं जदयू का लंबे समय तक भाजपा से गठबंधन रहा है। तीसरे मोर्चे के संभावित दलों में भारी विरोधाभास है, जिसका कोई हल नहीं है।
गौर हो कि तीसरा मोर्चा बनने की स्थिति में सपा, बसपा, वामदल, तृणमूल कांग्रेस, एआईडीएमके, डीएमके, आरजेडी और जेडीयू को साथ आना होगा, जिनके बीच भारी विरोधाभास हैं। इसके अलावा चुनाव पूर्व सर्वे में भी तृणमूल कांग्रेस और एआईडीएमके को ही अच्छी सीटें मिलते हुए दिखाया जा रहा है, बाकी दलों की स्थिति कुछ खास नहीं होगी।
हर मौके पर नरेंद्र मोदी का बचाव करने वाले अरूण जेटली का कहना है कि तीसरे मोर्चे की संभावना को सपा और जेडीयू ही बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि इन दोनों ही दलों की स्थिति अपने राज्यों में अच्छी नहीं है। ऐसे में तीसरे मोर्चे की संभावना से नरेंद्र मोदी को ही लाभ मिलेगा।