यानी दिल्ली में होती रहेगी यमुना मैली
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) आज सुबह राजधानी में आईटीओ पुल से यमुना नदी को पार करते हुए तमाम लोग उसमें पूजा सामग्री फेंक रहे थे। कहीं कोई उन्हें रोकने वाला नहीं था। हालांकि कल राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए कई निर्देश जारी किए जिसमें नदी में कूड़ा या धार्मिक सामग्री डालते पाए जाने वाले व्यक्ति पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी शामिल है।
जुर्माना लगेगा
प्राधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यमुना में निर्माण सामग्री फेंकने पर प्रतिबंध लगाते हुए ऐसा करने वाले पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है।
कब सुधरेंगे दिल्ली वाले
भारत सरकार के एक विभाग में काम करने वाली गीता एस ने बताया कि जब वह सुबह दफ्तर जानेके लिए यमुना को पार कर रही थीं तब पहले की तरह से वहां पर लोग पूजा सामग्री से लेकर तमाम दूसरी चीजें पुल के ऊपर से फेंक रहे थे। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था।
निर्माण पर रोक
बहरहाल, मैली से निर्मल यमुना पुनरूद्धार योजना 2017 के तहत रियल एस्टेट डेवलपर्स को बाढ़ के दायरे में आने वाले मैदानी क्षे़त्र पर किसी तरह का निर्माण कार्य करने से भी रोक दिया है।
नौका विहार का सुख
एक दौर में दिल्ली वाले यमुना नदी में स्नान करने के लिए जाते थे। इधर लोग नौका विहार का भी मजा लेते थे। पर वह गुजरे दौर की बातें हैं। न्यायाधिकरण ने दिल्ली में यमुना के तटों तथा बरसाती पानी के नालों को दुरुस्त करने के बारे में उसके द्वारा गठित दो समितियों की सिफारिशों को अपनी मंजूरी दी। यमुना की बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों पर अवैध निर्माण पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने रियल एस्टेट डेवलपर्स को इन क्षेत्रों में किसी तरह का निर्माण कार्य करने से रोक दिया।
न्यायाधिकरण ने यमुना जिये अभियान के मनोज कुमार मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इस याचिका में यमुना में मलबा डालने पर पाबंदी और साफ सफाई सुनिश्चित करने की मांग की गई। मनोज ने बताया कि वह फैसले से संतुष्ट हैं और अधिकरण द्वारा हर तीन महीने में क्रियान्वयन की समीक्षा की बात प्रशंसनीय कदम है। जनवरी 2013 को एनजीटी ने यमुना में निर्माण सामग्री सहित अन्य मलबा डालने पर पाबंदी लगाई थी और दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को मलबा तुरंत हटाने का निर्देश दिया था।
कहां गईं बिल्लियां
मशहूर लेखिका जिलियन राइट ने कहा कि यमुना को प्रदूषित करने का ही नतीजा है कि अब इसके पास विचरण करने वाली सफेद बिल्लियां देखने में नहीं आती। सत्तर के दशक तो हालात ठीक थे। उसके बाद स्थिति हाथ से निकल गईं।