भाजपा के लिए गेम चेंजर हो सकती हैं शाजिया इल्मी
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) कनपुरिया शाजिया इल्मी का भाजपा में शामिल होना छोटी बात नहीं माना जाए। इसके दो फायदे भाजपा के हक में जा सकते हैं। पहला, मुस्लिम समाज भाजपा को लेकर अपने रुख बदलाव कर सकता है। दूसरा, सभी वर्गों की औरतों के बीच एक संदेश जाएगा कि भाजपा पढ़ी-लिखी औरतों को अहमियत देती है।
एक दौर में दिल्ली में भाजपा के पास सिकंदर बख्त और अली मोहम्मद शेरे-ए-मेवात जैसे कद्वार नेता हुआ करते थे। पर बाद में संगठन ने मुसलमानों को अपन साथ उस तरह से नहीं जोड़ा जैसा जोड़ा जाना चाहिए था। नतीजा यह हुआ कि मुसलमान दूर होते गए भाजपा से। पर, अब हालात बदल गए हैं। शाजिया इल्मी जैसी सुसंस्कृत नेता का भाजपा में आना उसके लिए गेम चेंजर हो सकता है।
बदलती सोच मुसलमानों की
राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार ए. अख्तर कहते हैं कि मोदी को लेकर मुसलमानों की राय बदल रही है। और अब शाजिया इल्मी का भाजपा से जुड़ना पार्टी को मुसलमानों से जोड़ सकता है। इसके चलते राजधानी के मुसलमान आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का साथ दे सकते हैं।
बता दें किराड़ी में 35, चांदनी चौक में 21, मटियामहल में 48, बल्लीमारान में 38, विकासपुरी में 21, मुस्तफाबाद में 36,गांधी नगर में 23,सीमापुरी में 26,ओखला में 43,सीलमपुर में 61 व बाबरपुर में 45 फीसदी मुस्लिम आबादी है।
प्रभावित करेंगे मुस्लिम वोट
राजधानी में 17 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं। इन सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 15 से 61 फीसदी तक है। दिल्ली में मुस्लिम कांग्रेस के परम्परागत मतदाता रहे हैं। मुसलमान बीते चुनावों में कांग्रेस को एकमुश्त वोट देते रहे हैं। लेकिन, इस बार बीजेपी भी इनके वोट लेने के लिए मेहनत कर रही है।
काम आएगा मोदी फैक्टर
इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि मोदी फैक्टर और शाजिया इल्मी के चलते भाजपा को इधर लाभ होगा।