Sayyed Riyaz Ahmed: 12वीं में 1 बार, UPSC में 4 बार फेल होने के बाद बने IAS, 'टीचर बोले थे तुम जीरो हो'
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के नासिक में पैदा हुए सैय्यद रियाज अहमद कभी हार नहीं मानने वाल शख्स हैं। हिम्मत से काम लेना। जमकर मेहनत करना और कामयाबी के शिखर को छू लेना कोई सैय्यद रियाज अहमद से सीखें।
सैय्यद रियाज अहमद रैंक 261, सिविल सेवा परीक्षा 2018
सैय्यद रियाज अहमद की पूरी जिंदगी सफलता की मिसाल है। अंदाजा इस बात से लगा सकते हो कि कभी ये 12वीं कक्षा भी पास नहीं कर पाए थे। फेल होने पर टीचर ने इनके पिता से यहां तक कहर दिया था कि उनका बेटा जीरो है। कुछ नहीं कर सकता है। फिर यूपीएसपी में चार बार फेल हो गए। अवसाद में चले गए थे, मगर आज सैय्यद रियाज अहमद अफसर हैं। सिविल सेवा परीक्षा 2018 में सैय्यद रियाज अहमद ने 261वीं रैंक हासिल की थी।
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माता-पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं
सैय्यद रियाज अहमद बताते हैं कि वे सामान्य परिवार से आते हैं। परिवार में सिविल सेवा में जाने का कोई माहौल नहीं था। खुद माता-पिता कम पढ़े लिखे थे। पिता महज तीसरी और मां सातवीं पास हैं। खुद रियाज 12वीं में फेल हुए तो इन्हें समाज में काफी जलालत का सामना करना पड़ा।
सामान्य पढ़ाई से भी पा सकते हैं सफलता
सैय्यद रियाज अहमद की मानें तो अधिकांश लोगों को लगता यूपीएससी परीक्षा पास करके असफर बनने वाले व्यक्ति आईआईटी, आईआईएम या एनआईटी जैसे संस्थानों में पढ़े होंगे। जबकि खुद रियाज औसत स्टूडेंट हैं और एमएससी के बाद ही यूपीएससी की तैयारियों में जुट गए थे।
तीन बार तो प्रारम्भिक परीक्षा पास नहीं हुई
हालात से कभी हार नहीं वाली बात रियाज पर सटीक बैठते है, क्योंकि इन्होंने वर्ष 2013 में तैयारी शुरू की और वर्ष 2014, 2015 व 2016 में तीन साल तक लगतार सिविल सेवा परीक्षा में भाग्य आजमाया, मगर प्रारम्भिक परीक्षा भी तीसरे प्रयास में पास हुई। चौथे प्रयास में एक नंबर से इंटरव्यू में रह गए थे। पांचवें प्रयास में परीक्षा के तीनों चरण पास कर आईएएस बने।
बनाई खुद की स्ट्रेटजी, नाम रखा 123
रियाज कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षाओं की कोई जानकारी नहीं थी। उस वक्त मुझे अच्छे गाइडेंस की जरूरत थी। बार-बार फेल होने के बाद दोस्तों की सलाह मानी और अपनी रणनीतियों में बदलाव किए। खुद की स्ट्रेटजी का नाम 123 स्ट्रेटजी रखा। इसका मतलब ये है कि पहले नंबर पर वो प्रश्न थे जिन पर उन्हें पूरा विश्वास था। दूसरे नंबर पर वो प्रश्न थे जिनमें वो थोड़ा कंफ्यूज थे। और तीसरे नंबर पर वो प्रश्न जो उन्हें बिल्कुल नहीं आते।
प्रारम्भिक परीक्षा में एक नंबर से चूके
पहली बार रियाज ने पुणे में रहकर तैयारी की। फिर दिल्ली आ गए। यहां जामिया मिलिया के कोचिंग में दाखिला लिया। जमकर मेहनत की और वर्ष 2015 में दूसरी बार यूपीएससी परीक्षा दी। रियाज की मानें तो इस बार उनसे गलती यह हो गई कि उन्होंने प्रारम्भिक परीक्षा 93 फीसदी सवालों के जवाब दिए, जिससे नेगेटिव मार्किंग बढ़ गई और रियाज एक नंबर से फेल हो गए थे।x
वन विभाग में भी लगी सरकारी नौकरी
यूपीएससी
परीक्षा
में
लगातार
फेल
होने
के
बाद
रियाज
ने
महाराष्ट्र
सरकार
की
वन
विभाग
की
परीक्षा
में
हिस्सा
लिया
और
कमाल
कर
दिखाया।
पूरे
प्रदेश
में
दूसरे
स्थान
पर
रहे।
रेंज
फोरेस्ट
अधिकारी
बनने
के
बाद
रियाज
फिर
से
यूपीएससी
की
तैयारियों
में
जुट
गए
और
पांचवों
प्रयास
किया।
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