मोदी मॉडल की नकल कर चमकेगी दिल्ली, यमुना का होगा उद्धार
दिल्ली सराकर ने इसकी कवायत शुरु कर दी है। यमुना की सफाई के लिए एक टीम गुजरात भेजी गई, जो अहमदाबाद का दौरा कर वापस लौट आई हैं। दिल्ली सरकार के अलाधिकारियों से लैश ये बहुत जल्द अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल नजीब जंग को सौंप देगी। हलांकि इस बात टीम ने साफ किया है कि गुजरात मॉर्डल को आंख बंदकर यमुना पर थोपा नहीं जाएगा।
गुजरात दौरे से वापस आई टीम के मुताबिक यमुना को कंक्रीट से घेरने से बेहतर है कि इस के तटीय इलाकों को सघन वनक्षेत्र में बदल दिया जाए। इतना ही नहीं यमुना के पुनरुद्धार के लिए इसमें मिलने वाले सीवर के पानी को साफ कर फिर इसमें छोड़ा जाए। सीवर के पानी को साफ करने के बाद नदीं में छोड़ने की अनिवार्यता को सुनिश्चित करने के लिए जलशोधन संयंत्रों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा हैं।
टीम की योजना है कि यमुना के बहाव क्षेत्र में कुदरती माहौल में अनावश्यक छेड़छाड़ किए बिना ही इस योजना को अंजाम दिया जाए। वहीं डीडीए समेत कई सरकारी योजना जिसमें यमुना के उद्धार के लिए योजना तैयार की थी उसे बी इसमे शामिल किया जाए। इतना ही नहीं यमुना पुनुद्धार योजना के तहत यमुना पुलों पर साईकिल और पैदल पथ और यमुना विहंगम सीन दिखाकर सैलानियों को लुभाने की भी कोशिश की जाएगी।