Nidhi Bansal IAS : 31 साल की वो इंजीनियर जिसने 2 बार छोड़ा IPS बनने का मौका, जानिए वजह
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की सीएसई क्रैक करके आईपीएस बनना हर किसी के लिए एक सपने के पूरा होने का जैसा है। आईपीएस बनने का मौका कोई भी नहीं गंवाने देना चाहता है, मगर हम आपको मिलवा रहे हैं एक ऐसी लड़की से जिसने आईपीएस बनने के दो मौके छोड़े हैं। नाम है निधि बंसल।
कौन हैं निधि बंसल
बता दें कि निधि बंसल मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं। इनका परिवार मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के कैलारस कस्बे में रहता था। फिर यहां से ग्वालियर शिफ्ट हो गया। 10 दिसम्बर 1990 को जन्मी निधि की शुरुआती शिक्षा ग्वालियर से हुई। वर्ष 2011 में एनआईटी त्रिची तमिलनाडू से कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग से बीटेक की डिग्री हासिल की। इनके पिता गिर्राज बंसल लोहे के व्यापारी हैं। मां हाउसवाइफ हैं।
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एमएनसी में करती थीं जॉब
बीटेक करने के बाद निधि बंसल ने वर्ष 2013 में बेंगलुरु स्थित एमएनसी में अच्छे पैकेज पर बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरी की। इस जॉब से निधि पूरी तरह संतुष्ट थी, मगर निधि को लगता था कि सिर्फ कम्प्यूटर के आगे बैठकर नौकरी करने की बजाय लोगों से सीधा जुड़ाव वाले पेशे में जाना चाहिए। दोस्तों ने यूपीएससी की तैयारी का सुझाव दिया तो छह माह बाद ही नौकरी छोड़कर बेंगलुरु से दिल्ली आ गईं।
निधि बंसल के यूपीएससी में प्रयास
दिल्ली आने के बाद निधि बंसल यूपीएससी की तैयारियों में जुट गई। पहले प्रयास में सफल नहीं हुई। दूसरे प्रयास में वर्ष 2016 में 219रैंक हासिल कर आईपीएस बनी। त्रिपुरा कैडर मिला। अगले साल 2017 में तीसरे प्रयास में भी निधि सफल रहीं और 226वीं रैंक पाकर झारखंड कैडर की आईपीएस बनीं। चौथे प्रयास में मनमुताबिक रैंक नहीं मिली। फिर पांचवीं बार परीक्षा दी और यूपीएससी 2019 में 23वीं रैंक हासिल कर आईएएस बन गई।
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आईपीएस क्यों नहीं बनीं निधि?
मीडिया से बातचीत में निधि बताती हैं कि उन्हें आईएएस बनना था। इसलिए आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान फिर तैयारियों में जुट गई थी। वर्ष 2019 का रिजल्ट आने से पहले निधि बंसल झारखंड पुलिस में बतौर एएसपी ज्वाइन कर लिया। अब आईएएस बनने पर दूसरी बार पुलिस की नौकरी छोड़ दी।
अब आईएएस की ट्रेनिंग ले रही निधि
आज हम आईएएस निधि बंसल की सक्सेस स्टोरी का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि केंद्र सरकार ने हाल ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 के सफल अभ्यर्थियों को कैडर आवंटित किया है। वर्ष 2019 में 23वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनीं निधि बंसल को उत्तर प्रदेश कैडर मिला है। फिलहाल निधि मसूरी स्थित एलबीएसएना में आईएएस का प्रशिक्षण ले रही हैं।
निधि जैसी कहानी दिल्ली के मुदित जैन की
आईएएस निधि बंसल जैसी सक्सेस स्टोरी दिल्ली के मुदित जैन की है। निधि की तरह मुदित ने भी पांच बार यूपीएससी परीक्षा दी, जिसमें तीन बार सफल रहे और निधि बंसल की तरह दो बार आईपीएस बने। मुदित ने भी आईपीएस बनने के दोनों मौके गंवा दिए। मुदित जैन की मजबूरी यह थी कि आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान घुटनों में इंजरी हो गई थी। डॉक्टरों ने मुदित को स्पष्ट बोल दिया कि बीमारी इतनी गंभीर है कि आप आईपीएस की ट्रेंनिग नहीं कर सकते। इसकी बजाय आईएएस या आईआरएस बन सकते हो। ऐसे में मुदित ने आईपीएस बनने का मौका छोड़कर दुबारा परीक्षा और आईआरएस बने।
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