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आखिर कौन है दिल्ली के रेड लाइट इलाके का रहस्यमय 'राजू'?

By रजनीश सिंह
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 The mysterious 'Raju' factor in Delhi's red-light area
नई दिल्ली। देश के आर्थिक रूप से पिछड़े ग्रामीण इलाकों की युवतियों को फंसाकर दिल्ली के रेड लाइट इलाके में देह व्यापार की भट्ठी में झोंकने वाला 'राजू' आखिर कौन है, जिसकी दिल्ली पुलिस को पिछले दो वर्षो से तलाश है। दिल्ली के रेड लाइट इलाके में देह व्यापार में फंसी लगभग हर युवती को यहां लाने वाले इस रहस्यमय व्यक्ति 'राजू' की आखिर असलियत क्या है। क्या यह कोई गैंग है या पुलिस को धोखा देने के लिए देह व्यापार के दलालों का फर्जी नाम भर है।

दिल्ली पुलिस के पास इस 'राजू' नाम के व्यक्ति का कोई रेखाचित्र, फोटो या कोई भी अन्य जानकारी नहीं है, और वह पिछले दो वर्षो से उसके लिए रहस्य बना हुआ है। जांच कर रहे एक अधिकारी ने अपनी पहचान की गोपनीयता के शर्त पर बताया कि जीबी रोड स्थित वैश्यालयों से बचाई गई अधिकतर युवतियों ने यही नाम लिया है। हम उसकी तलाश पिछले दो वर्षो से कर रहे हैं, लेकिन नाममात्र को सफलता मिली है।

पिछले दो वर्षो से मध्य दिल्ली के भीड़ भरे इलाके जीबी रोड से निकाली गईं अधिकतर महिलाओं एवं किशोरियों ने अपनी वर्तमान स्थिति के लिए इसी व्यक्ति को जिम्मेदार बताया है। कमला मार्केट पुलिस थाना के गृह अधिकारी प्रमोद जोशी ने बताया कि राजू ही वह आदमी है जो बचाई गई अधिकतर महिलाओं को विवाह करने या नौकरी देने का झांसा देकर देश के विभिन्न स्थानों से दिल्ली लाया था।

महिलाओं को 20,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक में बेचा गया। जीबी रोड इलाके में 24 इमारतों में लगभग 92 चकलाघर चलते हैं, जिसमें करीब 3,500 महिलाएं वैश्यावृत्ति करने के लिए मजबूर हैं। अधिकारी ने आगे बताया कि हम उसकी भारतीय दंड संहिता के तहत मानव तस्करी, अवैध कारावास एवं महिलाओं को जबरन देह व्यापार में धकेलने के आरोप में तलाश कर रहे हैं। जोशी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर हमने कुछ महीने पहले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसके पास से रेलवे के ढेर सारे टिकट मिले थे। लेकिन वह व्यक्ति भी राजू नहीं था।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि चूंकि यहां लाई गई महिलाएं ठीक से हिंदी नहीं बोल पातीं, इसलिए उन्हें यहां लाने वाले व्यक्ति को हम अब तक दबोचने में असफल रहे हैं। इसी कारण वे अपने ग्राहकों एवं संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी अपने बारे में कुछ नहीं बता पातीं। चकलाघरों से बचाकर निकाली गईं युवतियों के कल्याण के लिए 'शक्ति वाहिनी' एवं 'रेस्क्यू फाउंडेशन' दो गैर सरकारी संगठन काम कर रहे हैं।

शक्ति वाहिनी के कार्यक्रम निदेशक सुरबीर रॉय ने बताया, "पुलिस की मदद से हमने जुलाई, 2010 से अब तक कम से कम 66 युवतियों को बचाया है।" रॉय के अनुसार, "मानव तस्करी में लगे गिरोह के सदस्यों द्वारा पुलिस को धोखा देने के लिए 'राजू' के फर्जी नाम का सहारा लिया जाता है।" दिल्ली पुलिस ही नहीं कोलकाता पुलिस को भी इस रहस्यमय व्यक्ति 'राजू' की तलाश है।

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English summary
'Raju' is the name with which the smiling young man introduces himself to girls and young women in impoverished villages before ensnaring them as victims of the flesh trade and bringing them to the brothels of Delhi. Who is this 'Raju' who Delhi Police have been tailing for over two years?
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