kajal Jawla : पति ने संभाली रसोई, खाना बनाया, झाड़ू पोछा भी किया, पत्नी 23 लाख की जॉब छोड़ बनी IAS
नई दिल्ली। ये तो आपने सुना ही होगा कि हर सफल आदमी के पीछे औरत का हाथ होता है, मगर कई बार ऐसे भी मामले सामने आते हैं, जिसमें किसी महिला ने आदमी की मदद से कामयाबी की नई कहानी लिख दी हो। ऐसा मेरठ की काजल जावला के साथ हुआ है। काजल अपने पांचवें प्रयास में आईएएस बनी हैं।
आईएएस काजल जावला की सक्सेस स्टोरी
यूपीएससी परीक्षा 2018 में देशभर में 28वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनीं काजल जावला की सक्सेस स्टोरी इतनी आसान नहीं जितनी दिख रही है। लगातार अफसलताएं और फिर यूपीएससी की तैयारियों के बीच शादी हो गई। शादी हो जाने के बाद अक्सर युवतियों की पढ़ाई छूट जाती है और फिर उनकी जिंदगी रसोई संभालने व अपने घर में झाड़ू पोछा करने तक सिमित हो जाती है, मगर काजल जावला को आईएएस बनाने वाली इस स्टोरी में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों के बीच शादी होना ही टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
मेरठ की रहने वाली हैं काजल जावला
मीडिया से बातचीत में काजल ने बताया कि लोगों में यही धारणा है कि शादी का मतलब युवतियों के लिए परेशानी बढ़ जाना होता है। उनके लिए जॉब और पढ़ाई जारी रखना आसान नहीं होता, मगर मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ।
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली काजल जालवा ने वर्ष 2010 में मथुरा से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन में बीटेक किया। फिर गुड़गांव स्थित विप्रो कम्पनी में जॉब करने लगीं। सालाना पैकेज 23 लाख रुपए था। नौ साल तक जॉब के साथ-साथ ने यूपीएससी परीक्षाओं के समय निकालना शुरू किया और वर्ष 2012 में पहली बार परीक्षा दी।
काजल के पति आाशीष ने किया सपोर्ट
काजल 2012 से लेकर 2016 तक तीन बार एग्जाम दी, मगर तीनों ही बार प्रारम्भिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाई। फिर 2016 में काजल की शादी आशीष मलिक से हो गई।
लगातार तीन बार की असफलता
लगातार तीन बार की असफलता और फिर शादी के चलते काजल को लगा कि शायद वो अब आईएएस बनने का सपना पूरा कर पाएंगी। काजल कहती हैं कि उनके पति आशीष मलिक काफी सर्पोटिव हैं। उस वक्त मैं जॉब के साथ-साथ पढ़ाई करती थीं। पति भी जॉब करते थे, मगर शाम को वो मुझसे पहले घर आते थे। जब में आफिस से आती तो मुझे खाना तैयार मिलता था। वहीं, सुबह -शाम मुझे पढ़ाई ही करनी होती थी।
पति नहीं करने देते थे घर काम काम
आईएएस काजल जालवा के पति आशीष मलिक कहते हैं कि शादी के तुरंत बाद ही मैंने काजल को बोल दिया था कि तुम्हें सिर्फ जॉब और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना है, क्योंकि ये ही दोनों काम मैं नहीं कर सकता बाकि मैंने पूरी रसोई संभाल ली थी। घर में झाड़ू पोछा तक लगा लेता था। अपने पांचवें प्रयास में वर्ष 2018 में काजल आईएएस बन गईं।
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