'आप' ने कांग्रेस से मुस्लिम वोट बैंक छीने हैं: योगेंद्र यादव
प्रश्न-
आपके
पहले
अन्ना
हजारे
के
आंदोलन
और
फिर
'आम
आदमी
पार्टी'
ज्वाइन
करने
के
क्या
कारण
थे?
जवाब-
मैं
पिछले
तीन
दशकों
से
सामाजिक
आंदोलनों
का
हिस्सा
रहा
हूं,
कभी
मुख्य
सहयोगी
तो
कभी
कार्यकर्ता
रहा
हूं।
मैं
एक
राजनीतिक
व्यक्ति
हूं,
जिसका
राजनीति
विज्ञान
का
हिस्सा
होना
एक
भटकाव
रहा
है।
'आप'
एक
ऐसा
आंदोलन
है
जिसमें
मध्यमवर्गीय
आईटी
और
मैनेजमेंट
के
लोग
जुड़े
हैं।
जिसने
एक
नये
कार्यकर्ताओं
के
समूह
का
निर्माण
किया
है।
प्रश्न-
'आम
आदमी
पार्टी'
के
आंदोलन
पर
आप
का
क्या
कहना
है?
उत्तर-
मेरे
लिए
यह
एक
ऐसा
आंदोलन
हैं
जिसमें
'प्रजा
का
एक
नागरिक
के
रूप
में
विकास
हो
रहा
है।'
मैं
इसे
एक
ऐसे
आंदोलन
के
रूप
में
देखता
हूं
जिसने
लोगों
में
परिवर्तन
किया।
प्रश्न-
आपने
दिल्ली
में
पार्टी
की
स्थिति
जानने
के
लिए
सर्वे
किये,
उससे
क्या
लाभ
हुआ
या
किस
तरह
के
निष्कर्ष
निकले?
उत्तर-
मैंने
जब
'आप'
ज्वाइन
की।
मेरा
सुझाव
था
कि
हमें
जनता
के
बीच
किसी
अफवाह
या
व्यक्तिगत
प्रभाव
के
दम
पर
नहीं
जाना
चाहिए।
इसलिए
हमने
सर्वे
करवाये,
यह
हमारे
लिए
चौंकाने
वाली
बात
थी
कि
हमें
सर्वे
में
14
फीसदी
मतदाताओं
का
समर्थन
था,
जिसने
मेरे
उत्साह
को
बढ़ा
दिया।
सच
तो
यह
था
कि
दस
फीसदी
से
ज्यादा
कुछ
भी
होता
वो
मेरे
लिए
खुशी
देने
वाला
था,
हालांकि
मेरे
अन्य
सहयोगी
इससे
खुश
नहीं
थे।
प्रश्न-
'आम
आदमी
पार्टी'
सरकार
के
ढ़ाचागत
प्रबंधन
के
बारे
में
क्यों
नहीं
बात
करती?
जवाब-
'आप'
के
लिए
यह
प्रबंधन
नहीं
बल्कि
भ्रष्टाचार
और
व्यवस्था
परिवर्तन
मुद्दा
है।
हम
बदलाव
की
बात
करते
हैं,
हम
सिर्फ
आलोचना
नहीं
करना
चाहते
है
बल्कि
सुधार
चाहते
हैं।
प्रश्न-
दिल्ली
में
'आम
आदमी
पार्टी'
के
बेहतर
प्रदर्शन
के
क्या
कारण
थे?
जवाब-
हम
जानते
थे
कि
मध्यमवर्ग
के
पास
सोंचने
और
समझने
की
क्षमता
है
और
वह
बेहतर
विकल्प
की
तलाश
में
है,
हमारा
एजेंडा
साफ
था
और
जनता
ने
हमें
पूरा
समर्थन
दिया।
प्रश्न-
आप
'आम
आदमी
पार्टी'
के
साथ
कैसे
जुड़े?
उत्तर-
अन्ना
हजारे
के
आंदोलन
के
दौरान
मनीष
सिसोदिया
और
अरविंद
केजरीवाल
से
मेरा
सम्पर्क
हुआ।
वो
मेरे
बारे
में
पहले
पढ़
चुके
थे,
जब
उन्होने
पार्टी
बनाने
का
निर्णय
किया
तो
अब
मेरा
इससे
दूर
रहना
काफी
मुश्किल
था।
मेरा
हमेशा
से
ही
मानना
रहा
है
कि
राजनीति
के
छोटे
खिलाड़ी
बड़ी
पार्टियों
के
लिए
मुश्किल
खड़ी
कर
सकते
हैं।
मैं
कह
सकता
हूं
कि
प्रशांत
भूषण
और
अरविंद
केजरीवाल
ने
कुछ
बदलाव
की
उम्मीद
तो
पैदा
ही
कर
दी
है।
प्रश्न-
'आप'
को
मिले
मुस्लिम
वोटों
के
समर्थन
पर
आपका
क्या
कहना
है?
उत्तर-
पिछले
बीस
वर्षों
में
आम
आदमी
पार्टी
ऐसी
पार्टी
है
जिसने
कांग्रेस
को
मुस्लिम
वोटों
के
मामले
में
चुनौती
दी
है।
आज
शिक्षित
और
बदलाव
चाहने
वाले
मुस्लिम
युवाओं
के
लिए
आम
आदमी
पार्टी
पहला
विकल्प
बन
गयी
है।
प्रश्न-
पार्टी
को
दलित
वोट
क्यों
मिला?
उत्तर-
मैं
इस
बात
से
काफी
खुश
हूं
कि
हमें
दिल्ली
के
32
फीसदी
दलितों
का
समर्थन
मिला
लेकिन
मैं
आपको
बता
देना
चाहता
हूं
कि
हमने
कोई
दलित
कार्ड
नहीं
खेला।
मेरी
नजर
में
हमने
'कास्ट
पालिटिक्स'
नहीं
की
बल्कि
यह
एक
वर्ग
की
राजनीति
हैं,
जिसमें
आम
आदमी
आता
है,
वो
आम
आदमी
जिसे
हमेशा
ही
ठगा
गया।
बस,
यही
बातें
लोगों
को
हमसे
जोड़
रही
हैं।