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मामला कानून मंत्री सोमनाथ का आया तो पुलिस भूल गई सुप्रीम कोर्ट का आदेश

By Ajay Mohan
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Somnath Bharti
नई दिल्ली। महिलाओं के ख‍िलाफ हिंसा पर भारत का कानून कितना कड़ा है, इस बात का अंदाजा अब दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती को जरूर हो गया होगा। वो भी तब जब वो खुद कठघरे में खड़े हैं। लेकिन विडंबना यह है कि जब मामला कानून मंत्री का आया तो दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को भूल गई।

जी हां सोमनाथ भारती पर महिला से अभद्रता व दुव्यर्वहार करने के जो आरोप लगाये गये हैं, उनके तहत कानून मंत्री को खुद अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। लेकिन बेगुनाही तो तब साबित करनी होगी, जब एफआईआर दर्ज होगी और इसी में पुलिस सुप्रीम कोर्ट का आदेश भूल गई। आपको याद होगा कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों की पुलिस को सख्त आदेश दिये थे कि महिलाओं के ख‍िलाफ हिंसा के मामलों में एफआईआर दर्ज करने में पुलिस को देरी नहीं करनी चाहिये। खैर देर हो चुकी है, लेकिन हां अभी भी सोमनाथ मंत्री पद से इस्तीफा दे दें, तो भी कानून के शिकंजे से बच नहीं पायेंगे।

मंत्री पद छोड़ने के दबाव पर भारती का कहना है कि उन्हें अभी तक न तो दिल्ली की अदालत से कोई नोटिस मिला है और न ही महिला आयोग से, जबकि पुलिस का दावा है कि भारती उस भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने ख‍िड़की एक्सटेंशन में घुस कर यूगांडा की महिलाओं के साथ छेड़छाड़ व अभद्रता की। पीड़ित अफ्रीकी महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया और कहा कि मध्य रात्रि में डाले गए छापे के दौरान भीड़ की अगुवाई सोमनाथ भारती कर रहे थे। हालांकि अभी तक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि एफआईआर जल्द ही दर्ज होगी, क्योंकि इस बात की डिमांड लेफ्टनेंट गवर्नर नजीब जंग के ऑफिस तक पहुंच गई है।

मामले की जांच कर रहे रिटायर्ड एडीशनल जिला और सत्र जज बीएल गर्ग का कहना है कि मामले में जांच शुरू हो गई है। इस मामले में भारती को समन भेजा गया है। घटना के सिलसिले में उनसे पूछताछ हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच तीस दिन में पूरी की जाएगी।

आप के लिये मुसीबत बने सोमनाथ

इस प्रकरण के बाद से सोमनाथ भारती आम आदमी पार्टी के लिये मुसीबत बन गये हैं। एक तरफ महिला आयोग ने मोर्चा खोल दिया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने समर्थन वापसी के लिये मंथन शुरू कर दिया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह के मुताबिक आयोग में दर्ज शिकायतों में युगांडा की पांच महिलाओं ने कहा है कि 15 जनवरी की रात को मंत्री और उनके सहयोगियों पर मारपीट की और कुछ अज्ञात लोग मध्यरात्रि में बलपूर्वक उनके घर में घुस आए, फिर उनके पासपोर्ट मांगे और उनके सूटकेस की तलाशी लेनी शुरू कर दी। महिलाओं का आरोप है कि सूटकेस की चाबी ढूंढ़ने के लिए उनके कपड़े भी उतरवाए गए। इनमें से दो महिलाओं ने आयोग को बताया कि काम से लौटते समय उन्हें रोका गया और टैक्सी में बैठे हुए ही उन्हें पेशाब के नमूने देने के लिए मजबूर किया गया।

वहीं कांग्रेस की बात करें तो बुधवार शाम पार्टी आलाकमान ने कार्यकर्ताओं से ऐलान कर दिया है कि वो जनता के बीच जायें और पूछें कि क्या कांग्रेस दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार से समर्थन वापस ले ले? इससे यह साफ हो गया है कि कांग्रेस ज्यादा दिन तक आप की सरकार को चलने नहीं देगी। जाहिर है जनता के बीच सर्वे के परिणाम जो भी आयें, उसका लोकसभा चुनाव में असर जरूर देखने को मिलेगा।

English summary
More trouble seems to be in store for Aam Aadmi Party given the criticism being heaped on Law Minister Somnath Bharti. NWC and many others demanded his resignation.
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