IPS विजय सिंह गुर्जर के बाद अब दिल्ली पुलिस कांस्टेबल फिरोज आलम ने भी पास की UPSC परीक्षा
नई दिल्ली। यूपीएससी परीक्षा 2019 में दिल्ली पुलिस कांस्टेबल फिरोज आलम ने भी बाजी मारी है। कांस्टेबल फिरोज आलम ने आईपीएस विजय सिंह गुर्जर की राह पर चलकर सरकारी नौकरी में खुद का कद बढ़ाया है। विजय सिंह गुर्जर भी कभी दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल में हुआ करते थे। वर्तमान में गुजरात कैडर के आईपीएस हैं। भावनगर में बतौर एएसपी कार्यरत हैं। खास बात यह है कि आईपीएस विजय सिंह गुर्जर ने इस बार भी यूपीएससी एग्जाम क्रेक किया है। 625वीं रैंक हासिल की है।
सबसे पहले जानिए कांस्टेबल फिरोज आलम का सफर
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2019 उत्तीर्ण करने वाले फिरोज आलम मूलरूप से उत्तर प्रदेश के हापुर जिले के पिलखुवा कोतवाली अंतर्गत ग्राम आजमपुर दहपा के रहने वाले हैं। 12वीं मारवाड़ इंटर कॉलेज और ग्रेजुएशन राणा डिग्री कॉलेज पिलखुवा से की। इसके बाद वर्ष 2010 में दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए।
आईपीएस बनने का था सपना
अमूमन लोग एक बार सरकारी नौकरी लगने के बाद उसी में जिंदगी खपा देते हैं, मगर आलम को यह मंजूर नहीं था। यही वजह है कि दिल्ली पुलिस कांस्टेबल बनने के बाद भी इन्होंने आईपीएस बनने का अपना सपना जिंदा रखा और तैयारियों में जुटे रहे। दस साल बाद अब मेहनत रंग लाई है। 645वीं रैंक हासिल कर यूपीएससी परीक्षा पास की है। आलम को आईपीएस बनने की उम्मीद है, मगर रैंक अधिक होने की वजह से अभी कन्फर्म नहीं है।
पांच बार की असफलता से नहीं मानी हार
ऐसा नहीं है कि फिरोज आलम को यूपीएससी में आसानी से सफलता मिल गई। इसके पीछे पांच बार की असफलता और उससे कुछ सीख लेकर जी जोड़ मेहनत करना है। पांच बार फेल होने के बावजूद आलम ने हिम्मत नहीं हारी। ना ही मेहनत करना छोड़ा। नतीजा छठे प्रयास में पास हो गए।
आईपीएस विजय सिंह गुर्जर की कहानी भी प्रेरणादायी
आईपीएस विजय सिंह गुर्जर राजस्थान के झुंझुनूं जिले के गांव देवीपुरा के लक्ष्मण सिंह के बेटे हैं। ये भी फिरोज आलम की तरह वर्ष 2010 में दिल्ली पुलिस कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे। दिल्ली कांस्टेबल से इन्होंने आईपीएस बनने तक का सफर तय कर लिया। इन्हें भी कई बार असफलता मिली, मगर पांचवें प्रयास में वर्ष 2017 में 574वीं रैंक पर यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। हाल ही परीक्षण पूरा होने के बाद इन्हें गुजरात के भावनगर में एएसपी के पद पर लगाया गया है ।
छह बार लगे सरकारी नौकरी
विजय सिंह गुर्जर ने दिल्ली कांस्टेबल से आईपीएस तक का सफर तय करने के बीच में अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण की। दिसम्बर 2010 में दिल्ली पुलिस में ही सब इंस्पेक्टर बनने में सफल रहे। दो साल बाद जनवरी 2013 में विजय गुर्जर का चयन सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर के पद पर हो गया तो केरल के तिरुवनंतपुरम में सालभर रहे और फरवरी 2014 में आयकर विभाग दिल्ली में इंस्पेक्टर बन गए। सिविल सर्विसेस में चयन होने तक यहां पर सेवाएं दी। ये कुल छह बार सरकारी नौकरी लग चुके हैं।
आईपीएस विजय सिंह गुर्जर की शिक्षा
विजय सिंह गुर्जर बताते हैं कि उनकी शिक्षा हिंदी माध्यम से हुई। गांव देवीपुरा के निजी स्कूल से दसवीं कक्षा द्वितीय श्रेणी से 54.5 प्रतिशत और 12वीं कक्षा प्रथम श्रेणी से 67.23 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की। इसके बाद राजकीय संस्कृत आचार्य कॉलेज चिराना से संस्कृत संकाय में 54.5 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन की। हाल ही राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित किया तब विजय सिंह गुर्जर की एक पोस्ट सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी, जिसमें इन्होंने अपने दसवीं, बाहरवीं के नम्बरों का जिक्र करते हुए छात्रों को कम नंबर आने पर मायूस नहीं होने की सलाह देते हुए कहा था कि कम नंबर लाकर मैं आईपीएस बन सकता हूं तो आप भी बन सकते हो।
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आईपीएस विजय सिंह गुर्जर का परिवार
वर्ष 1987 में देवीपुरा गांव के किसान लक्ष्मण सिंह व चंदा देवी के घर पैदा हुए विजय सिंह गुर्जर पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर के है। इनके छोटे भाई अजय गुर्जर पड़ोस के गांव लोहार्गल में पटवारी के पद पर तैनात हैं। तीन बहन सुमित्रा, मैनावती व प्रियंका है। विजय सिंह गुर्जर की शादी वर्ष 2015 में सीकर के गांव भादवासी की सुनिता के साथ हुई है।
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