दिल्ली पुलिस के वो 2 कांस्टेबल जो बन गए अफसर, विजय सिंह गुर्जर IPS व फिरोज आलम ACP बने
नई दिल्ली। मिलिए इनसे। ये हैं दिल्ली पुलिस के वो दो कांस्टेबल जो अफसर बन गए। दोनों के अफसर बनने की कहानी लगभग समान है। संघर्ष और सफलता भी एक जैसी ही है। इनकी पूरी कहानी उन लोगों को प्रेरित करनी वाली है, जो एक बार सरकारी नौकरी लगने बाद उसी में जिंदगी खपा देते हैं, जबकि इन्होंने पुलिस कांस्टेबल बनने के बाद मेहनत जारी रखी और नतीजा यह है आज ये अफसर हैं। एक IPS तो दूसरे ACP हैं।
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दोनों ने पास की यूपीएसपी परीक्षा
वर्ष 2010 में विजय सिंह गुर्जर व फिरोज आलम दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर लगे। दोनों को दिल्ली के अलग-अलग पुलिस थानों में पोस्टिंग मिली। सामान्य जान पहचान थी। इनकी समान बात यह थी कि दोनों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं छोड़ी। दिल्ली पुलिस में सेवाएं देने के साथ-साथ पढ़ाई के लिए भी वक्त निकाला। विजय सिंह गुर्जर ने वर्ष 2017 में 574वीं रैंक व फिरोज आलम ने वर्ष 2019 में परीक्षा देकर 645वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की।
IPS विजय सिंह गुर्जर के बाद अब दिल्ली पुलिस कांस्टेबल फिरोज आलम ने भी पास की UPSC परीक्षा
एक भावनगर में पोस्टेड, दूसरे ट्रेनिंग की तैयारी में
विजय सिंह गुर्जर गुजरात कैडर के आईपीएस हैं और वर्तमान में गुजरात के भावनगर में बतौर एएसपी कार्यरत हैं। वहीं, फिरोज आलम को दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पुलिस सेवा (DANP) कैडर मिला है। जिसके तहत आलम को दिल्ली में ही बतौर एसीपी पोस्टिंग मिलेगी। फिर डीसीपी और आईपीएस के रूप में पदोन्नत होंगे। दिसम्बर में डीएएनपी के लिए ट्रेनिंग पर जाएंगे। फिलहाल दिल्ली पुलिस कांस्टेबल पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
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दिल्ली कांस्टेबल फिरोज आलम की जीवनी
फिरोज आलम उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में पिलखुवा कोतवाली पुलिस थाना इलाके के गांव आजमपुर दहपा के रहने वाले हैं। कबाड़ व्यवसायी मोहम्मद शहादत व मुन्नी बानो के घर पैदा हुए फिरोज आलम ने 12वीं तक की पढ़ाई इंटर कॉलेज से की। 12वीं पास करने के बाद ये दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हो गए थे। इनके पांच भाई व तीन बहन हैं। रिजवान के बाद ये अपने गांव से यूपीएससी पास करने वाले दूसरे शख्स हैं।
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फिरोज आलम ने कैसे ठाना अफसर बनना?
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में फिरोज आलम बताते हैं कि 12वीं पास करने के बाद वे दिल्ली पुलिस में भर्ती हो गए थे। हापुड़ से दिल्ली आने के बाद आगे की पढ़ाई पूरी की। दिल्ली पुलिस में सेवाएं देने के दौरान अपने अफसरों के कामकाज ने फिरोज को काफी प्रभावित किया और इन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने की ठानी। फिरोज कहते हैं कि उन्हें आईपीएस विजय सिंह गुर्जर की सफलता ने भी आगे बढ़ने में काफी मदद मिली।
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पांच बार की असफलता नहीं तोड़ सकी फिरोज का हौसला
फिरोज कहते हैं कि दिल्ली पुलिस में सेवाएं देने के साथ-साथ देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी में बैठना आसान बात नहीं। मुझे भी शुरुआत में काफी निराशा हाथ लगी। यूपीएससी परीक्षा मैं लगातार पांच बार फेल हुआ। फिर जब विजय सिंह गुर्जर आईपीएस बने तो मुझमें भी हिम्मत आई। अब मेरे पास यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए आखिरी मौका था। मैंने यह हाथ से नहीं जाने दिया और छठे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा 2019 उत्तीर्ण कर ली।
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जानिए कौन हैं आईपीएस विजय सिंह गुर्जर?
आईपीएस विजय सिंह गुर्जर मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ तहसील के गांव देवीपुरा के रहने वाले हैं। नवलगढ़-उदयपुरवाटी मार्ग पर स्थित गांव देवीपुरा के किसान लक्ष्मण सिंह के घर जन्मे आईपीएस विजय सिंह की जिंदगी संघर्ष और कामयाबी की मिसाल है। ये कभी अपने पिता के साथ खेतों में लावणी किया करते थे।
आईपीएस विजय सिंह गुर्जर की शिक्षा
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में विजय गुर्जर कहते हैं कि मेरी पढ़ाई हिंदी माध्यम से हुई। औसत नंबर आया करते थे, मगर बुलंद हौसलों के दम पर यूपीएसपी परीक्षा पास कर ली। गांव देवीपुरा के निजी स्कूल से दसवीं में 54.5 प्रतिशत व बारहवीं में 67.23 प्रतिशत अंक हासिल किए। राजकीय संस्कृत आचार्य कॉलेज चिराना से संस्कृत संकाय में 54.5 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक की। इनके पास संस्कृत में शास्त्री की भी डिग्री है।
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आईपीएस विजय सिंह गुर्जर का परिवार
वर्ष 1987 में देवीपुरा गांव के लक्ष्मण सिंह व चंदा देवी के घर पैदा हुए विजय सिंह गुर्जर पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर के हैं। इनके छोटे भाई अजय गुर्जर पटवारी के पद पर कार्यरत हैं। तीन बहन सुमित्रा, मैनावती व प्रियंका है। विजय सिंह गुर्जर की शादी वर्ष 2015 में सीकर के गांव भादवासी की सुनिता के साथ हुई है।
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नौकरी लगते गए और यूपीएससी की परीक्षा भी देते रहे
विजय सिंह गुर्जर ने दिल्ली कांस्टेबल से आईपीएस तक का सफर तय करने के बीच में अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण की। दिसम्बर 2010 में दिल्ली पुलिस में ही कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बनने में सफल रहे। जनवरी 2013 में विजय गुर्जर का चयन सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर के पद पर हुआ तो केरल के तिरुवनंतपुरम में सालभर सेवाएं दी। फरवरी 2014 में आयकर विभाग दिल्ली में इंस्पेक्टर बने। सिविल सर्विसेस में चयन होने तक आयकर विभाग में सेवाएं दी। ये कुल छह बार सरकारी नौकरी लग चुके हैं।
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