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अब दिल्ली हुई बेदिल, होती बुजुर्गों की बेकद्री

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नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) दिल्ली अब बेहद बेदिल हो गई है। अब यहां पर दिन-हीन लोगों को नहीं पूछा जाता। आपको हर सड़क और चौराहे पर गरीब-गुरबा लोगों को आप बदत्तर हालत में देख सकते हैं। अब इस स्टोरी के साथ फोटो को देख लें।

करीब 70 साल का इंसान जमीन पर पडा है। यह नजारा है निजामउद्दीन बस्ती का। उसके पास यहां के लोग खड़े हैं। वे मस्त हैं। खा पी रहे हैं। उन्हें उस गिरे हुए शख्स की कोई परवाह नहीं है। दरअसल दिल्ली में सबसे ज्यादा खराब हालत बुजुर्गों की हो रही है। उनके सुख-दुख जानने वाला कोई नहीं रहा। [अपने बुजुर्गो को पीटते-गरियाते पटना के नौजवान]

गालिब की दिल्ली

ये हालत उस इलाके की है जहां पर पुराने दिल्ली वाले रहते हैं। इसी इलाके में महान शायर मिर्जा गालिब की कब्र भी है। आप रात के वक्त दिल्ली की सड़कों पर घूम लीजिए। आपको हर बस डिपो के बाहर सैकड़ों लोगों को सोते हुए देख सकते हैं। उनके पास रात को सिर छिपाने के लिए कोई जगह नहीं है। रात को बस डिपो ही इनकी छत है।

सेंसटिव नहीं दिल्ली

दिल्ली के इतिहासकार और पत्रकार मयंक सूफी आस्टिन कहते हैं कि दिल्ली अब संवेदनशील नहीं रही। एक दौरे में दिल्ली बहुत सेंसटिव शहर था। इसी शहर ने देश के विभाजन के समय आए लाखों लोगों को गले लगाया था। वे मानते हैं कि अब दिल्ली में दुनियाभर के लोग रहने लगे हैं। इसके चलते इस शहर के वाशिंदों में पहले वाला प्यार नहीं रहा।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव रहे बलबीर सिंह मानते हैं कि अब दिल्ली में अब अगर आपके पैसा या रसूख नहीं है तो आपके लिए यहां पर कोई स्पेस नहीं बचता। आपको लोग इग्नोर करेगें। इसलिए यहां पर रोज सड़कों और अस्पतालों के बाहर सैकड़ों लोगों को दिन-रात में सोते हुए देख सकते हैं।

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English summary
Delhi insensitive to old and poor. You can see poor people sleeping inside bus stands in capital. It is a very sad state.
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