दिल्ली चुनाव: कुछ नेता हुए बूढ़े, कुछ हो गए जवान, जानिए कैसे?
नयी दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए सिर्फ 2 दिन बाकी रह गए हैं, लेकिन चुनाव से पहले आपको चुनाव में खड़े उम्मीदवारों के उम्र से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते हैं। चुनावी अखाड़े में उतरे प्रत्याशियों ने अपने हलफ़नामों जो उम्र दर्ज कराई है उसमें कुछ अजीब जानकारियां सामने आई हैं। आपको जानकार हैरानी होगी चुनाव आयोग में दिए गए हलफनामे के मुताबिक कुछ प्रत्याशियों की उम्र 5 साल बाद 3 साल कम हो गई है तो किसी की उम्र 5 साल बाद 8 साल बढ़ गई है।
आपको ऐसे ही कुछ प्रत्याशियों के बारे में बताते है जिनके उम्र में पिछले 5 सालों में अजीबों-गरीब परिवर्तन हुए हैं। पहला नबंर आता है दिल्ली के सीलमपुर से कांग्रेस की टिकट पर खड़े चौधरी मतीन अहमद का। पिछले 5 सालों में अहमद की उम्र बढ़ने के बजाए घट ही गई है। अहमद ने 2008 के चुनाव में अपनी उम्र 58 साल दर्ज कराई थी जबकि 2015 के हलफनामे में उन्होंने अपनी उम्र 56 साल बताई है।
दूसरा नबंर तिलकनगर के भाजपा प्रत्याशी राजीव बब्बर का है। पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी उम्र 46 साल थी, लेकिन इसबार उनकी उम्र बढने के बजाए घट गई है। साल 2015 में चुनाव आयोग में दायर अपने हलफनामे में उन्होंने खुद को 45 साल का बताया है। जहां इन प्रत्याशियों की उम्र घटी है तो वहीं कुछ ऐसे में उम्मीदवार है जिनकी उम्र कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। बलीमारन से कांग्रेस प्रत्याशी हारून यूसुफ़ की उम्र 2013 विधानसभा चुनाव में 53 थी, लेकिन 2015 चुनाव में 56 साल के हो गए हैं। बाबरपुर से कांग्रेस प्रत्याशी ज़ाकिर ख़ान साल 2013 में 39 साल के थे, लेकिन अब 2015 में उनकी उम्र 42 साल हो गई है।
करावल नगर से भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने तो लंबी छलांग लगाई है। साल 2008 में उनकी उम्र 47 साल थी, जबकि 2013 में उनकी उम्र 55 साल हो गई और 2015 में वो 57 साल । वहीं राजौरी गार्डेन से शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी मजिन्दर सिंह सिरसा 2008 में 35 साल के थे, लेकिन 5 सालों में उनकी उम्र 6 साल बढ़ गई। जबकि द्वारका से कांग्रेस प्रत्याशी महाबल मिश्रा ने तो हद ही कर दी। 2008 के विधानसभा चुनाव में उनकी उम्र 54 साल थी, 2009 के लोकसभा चुनाव में उनकी उम्र नहीं बदली, लेकिन 2014 के लोकसभा में वो 59 साल के हो गए और इस साल विधान सभा चुनाव में 61 साल के हो चुके हैं।