Cow science exam: स्थगित की गई गौ विज्ञान परीक्षा, ये है वजह
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया के कार्यालय छोड़ने के एक दिन बाद, आयोग ने कामधेनु गौ-विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा को स्थगित कर दिया है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया के कार्यालय छोड़ने के एक दिन बाद, आयोग ने कामधेनु गौ-विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा को स्थगित कर दिया है। यह परीक्षा 25 फरवरी 2021 को कराई जानी थी। आयोग की वेबसाइट पर इस बाबत जानकारी दी गई है।
वेबसाइट पर दी जानकारी गई जानकारी में लिखा है कि, 'कृपया ध्यान दें कि ऑनलाइन कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा/प्रतियोगिता जो 25 फरवरी को होनी थी और मॉक परीक्षा जो 21 फरवरी को होनी थी, को स्थगित कर दिया गया है।'
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हालांकि इस परीक्षा के स्थगित करने के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसके अलावा परीक्षा की नई तारीख का भी ऐलान नहीं किया गया है। मालूम हो कि आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया के 20 फरवरी को 2 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद परीक्षा के स्थगन की घोषणा की गई। गौरतलब है कि 21 फरवरी, 2019 को सरकार ने एक प्रस्ताव पारित कर गायों के संरक्षण, सुरक्षा और विकास के लिए इस आयोग का गठन किया था, जिसका पहला अध्यक्ष कथीरिया को बनाया गया था।
उनके अलावा सुनील मानसिंहका और हुकुम चंद सावला को 2 साल के लिए इसके गैर-आधिकारिक सदस्यों के रूप में नियुक्त किया गया था। इन सदस्यों का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है। अपने कार्यकाल के दौरान कथीरीया 'गाय विज्ञान' को लेकर दिए गए अपने वक्तव्य के कारण विवादों में रहे। 5 जनवरी को गउ विज्ञान परीक्षा की घोषणा करने के साथ उन्होंने कहा था, 'गाय पूरा एक विज्ञान है।
देश की अर्थव्यव्था की वृद्धि में गोवंश का महत्पूर्ण योगदान है। गाय केवल दूध ही नहीं देती, बल्कि इसका मूत्र और गोवर भी मूल्यवान है। अगर हम उनका उपयोग करते हैं तो न केवल गाय सुरक्षित रहेंगी, बल्कि अर्थव्यव्स्था भी पटरी पर आ जाएगी।' खबरों के मुताबिक इस परीक्षा के लिए 5 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इस परीक्षा के आयोजन के लिए यूजीसी की कई वैज्ञानिकों और विद्वानों ने अंधविश्वास को विज्ञान के नाम पर बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की थी।