दिल्ली: दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किए गए हिंदू राव में भर्ती कोरोना मरीज, हड़ताल पर जा रहे डॉक्टर
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 70 लाख के पार पहुंच गई है। इस बीच डॉक्टर लगातार अपनी जान की बाजी लगाकर मरीजों को बचा रहे हैं। इसके बावजूद भी उनको अपनी सैलरी के लिए तरसना पड़ रहा है। दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स पिछले कुछ महीनों से वेतन न मिलने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल में जितने कोरोना के मरीज भर्ती थे, उन्हें लोकनायक और अरुणा आसफ अली अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है, ताकी मरीजों को हड़ताल की वजह से परेशानी ना हो। वहीं मामले में तंज कसते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अगर MCD कस्तूरबा अस्पताल और हिंदू राव अस्पताल को नहीं चला पा रही है, तो उसे दिल्ली सरकार को सौंप दे। वो उसे चला लेंगे, साथ ही सभी को सैलरी भी दे देंगे।
'Sputnik V' के बाद रूस ने तैयार की कोरोना की दूसरी वैक्सीन, 15 अक्टूबर को मिल सकता है अप्रूवल
48
घंटे
का
अल्टीमेटम
खत्म
डॉक्टरों
का
कहना
है
कि
वो
अपनी
और
परिवार
की
सुरक्षा
की
चिंता
किए
बिना
कोरोना
मरीजों
की
जान
बचा
रहे
हैं।
इस
मुश्किल
वक्त
में
भी
MCD
उन्हें
सैलरी
वक्त
से
नहीं
दे
रही।
अभी
उनके
चार
महीने
की
सैलरी
बाकी
है।
जब
भी
बात
MCD
से
की
जाती
है,
तो
वो
दिल्ली
सरकार
पर
बात
डाल
देती
है,
वहीं
दिल्ली
सरकार
उल्टा
MCD
को
जिम्मेदार
बताती
है।
ऐसे
में
वो
पॉलिटिकल
फुटबाल
बन
गए
हैं।
बुधवार
को
उन्होंने
चिकिस्ता
अधीक्षक
को
एक
पत्र
सौंपा
था,
जिसमें
48
घंटे
का
अल्टीमेटम
दिया
था,
लेकिन
सैलरी
अभी
तक
नहीं
आई।
ऐसे
में
अब
डॉक्टरों
की
हड़ताल
तय
मानी
जा
रही
है।