सपा-बसपा महागठबंधन के बाद बाद कांग्रेस ने आगे की रणनीति के लिए लखनऊ में बुलाई बैठक
नई दिल्ली: शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा के महागठबंधन के ऐलान के बाद कांग्रेस ने रविवार को लखनऊ में सीनियर नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें एआईसीसी प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी शामिल होंगे। इस मीटिंग में पार्टी की आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने महागठबंधन की घोषणा करते हुए कहा कि सपा-बसपा यूपी 38-38 सीटों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी की सीटें छोड़ने का ऐलान किया। इन दोनों सीटों से यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सासंद हैं. पहले कांग्रेस की इस गठबंधन में शामिल होनें की खबरें भी आ रही थी, जो मात्र अफवाह निकली। दरअसल कांग्रेस को सीटें देने को लेकर गठबंधन में मतभेद थे. इसी वजह से कांग्रेस को इस गठबंधन में जगह नहीं मिल पाई।
महागठबंधन के औपचारिक ऐलान के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने पीटीआई से कहा कि गुलाम नबी आजाद, उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर और अन्य सीनियर नेता रविवार को होने वाली मीटिंग के लिए लखनऊ पहुंचेगे और रणनीति को अंतिम रुप देंगे।
गुलाम नबी आजाद से महागठबंधन से कांग्रेस के बाहर होने पर कहा कि वो इस मामले में राज्य कांग्रेस के नेताओं से बातचीत के बाद बोलेंगे। हम जिला स्तर के नेताओं से आगामी चुनाव की तैयारियों के बारे में भी बात करेंगे। गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा था कि वो सूबे में अपने बूते लोकसभा चुनाव लड़ने कौ तैयार है।
कांग्रेस मीडिया कॉर्डिनेटर राजीव बख्सी ने कहा कि हम राजनीतिक पार्टी है और उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने को तैयार हैं। हमारे पास लोकसभा में 45 सीटें हैं जो किसी भी क्षेत्रीय पार्टी से अधिक हैं। लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को पार्टी में राष्ट्रीय चेहरा बनाने की ज़रूरत है।