CM अशोक गहलोत दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे, अध्यक्ष पद की दौड़ में बने रहने की उम्मीद
नई दिल्ली, 28 सितम्बर। राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान के बीच सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को दिल्ली में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद संभवतया इस सवाल का जवाब मिल जाएगा कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव 2022 में नामांकन दाखिल करेंगे या नहीं?
राजस्थान में रविवार रात को जबरदस्त सियासी ड्रामा हुआ। सचिन पायलट को सीएम नहीं बनने देने के लिए अशोक गहलोत गुट के विधायकों ने इस्तीफा राजनीति की। दिल्ली से आए केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन व मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ विधायक दल की बैठक करने के बावजूद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के घर बैठक की। फिर करीब 82 विधायक इस्तीफा देने के लिए राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास पहुंच गए।
इस्तीफा देने वाले विधायकों ने गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद के जीतने पर सचिन पायलट के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चयन का विरोध करते हुए तीन सूत्री एजेंडा दिया। उनकी मांग है कि राजस्थान का अगला सीएम उन 102 विधायकों में से बनाया जाए, जिन्होंने सियासी संकट 2020 में सरकार को बचाया। अशोक गहलोत गुट के विधायकों ने यह भी मांग रखी थी कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद राजस्थान सीएम का नाम तय हो। तीसरी मांग ये कि अशोक गहलोत के फैसले को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
अब खुद सचिन पायलट ने सामने आकर इस मीडिया रिपोर्ट को बताया फर्जी
राजस्थान में अशोक गहलोत गुट के विधायकों द्वारा कांग्रेस आलाकमान के फैसले के खिलाफ बगावत करने पर पर्यवेक्षक अजय माकन व मल्लिकार्जुन खड़गे से रिपोर्ट मांगी गई है। पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट में कहा कि गहलोत राज्य में संकट के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, लेकिन उन्होंने समानांतर बैठक बुलाने वाले प्रमुख नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की।
#RajasthanCongressCrisis | Rajasthan CM Ashok Gehlot will go to Delhi today in the evening. He will further tell about the opinion of 102 MLAs to central leadership of the party. CM Gehlot is not resigning today, there are no such talks of it: Gehlot loyalist min PS Khachariyawas pic.twitter.com/xabsXLkTdO
— ANI (@ANI) September 28, 2022
शांति धारीवाल, महेश जोशी और विधायक धर्मेंद्र राठौड़ सहित गहलोत खेमे के कई कैबिनेट मंत्रियों पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक को विफल करने के लिए समानांतर बैठक की योजना बनाने का आरोप लगाया गया था।