दिल्ली में छह महीने के अंदर Electric Vehicles से बदले जाएंगे सभी सरकारी वाहन
दिल्ली में छह महीने के अंदर Electric Vehicles से बदले जाएंगे सभी सरकारी वाहन
नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने सभी सरकारी वाहनों को एलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने का निर्णय लिया है। गुरुवार को दिल्ली सरकार ने एक आदेश में कहा कि आने वाले छह माह में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी से चलने वाले सभी सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल से बदल दिया जाएगा।
वित्त विभाग की अनुमति से इलेक्ट्रिक वाहन रख सकता है
सरकार ने अपने इस आदेश में कहा कि सभी सरकार विभाग, निकाय और इंस्टीट्यूशन के सभी वाहन छह माह में बदले जाएंगे। दिल्ली सरकार का कोई भी विभाग और स्वायत्त निकाय (autonomous) पहली बार वित्त विभाग की अनुमति से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) रख सकता है। इसके बाद मौजूदा कान्ट्रेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं लेनी होगी।
हर
महीने
परिवहन
विभाग
को
एक
रिपोर्ट
देनी
होगी
केजरीवाल
सरकार
ने
ये
फैसला
इलेक्ट्रिक
व्हीकल
पॉलिसी
के
अंतर्गत
किया
है।
परिवहन
विभाग
ईवीएस
पर
स्विच
की
देखरेख
करेगा।
इसके
साथ
ही
सभी
सरकारी
विभाग
हर
महीने
परिवहन
विभाग
को
एक
रिपोर्ट
देंगे
कि
ईवीएस
में
ट्रांजेशन
transition
कैसे
हो
रहा
है
ताकि
ये
योजना
कितनी
प्रभावी
है
इसका
आंकलन
हो
सके।
इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए स्विच दिल्ली कैंपेन शुरू किया
बता दें दिल्ली सरकार ने पिछले साल अगस्त महीने में एक इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की थी जो दिल्ली शहर को "भारत की ईवी राजधानी" बनाने का प्रयास करेगा। इसी पॉलिसी के तहत अब सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए स्विच दिल्ली कैंपेन शुरू किया है।दावा किया जा रहा है कि पेट्रोल, डीजल वाहनों से ये वाहन 50 प्रतिशत सस्ते पड़ते हैं।
दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया ये कदम
सरकार ने दिल्ली की एयर क्वालिटी को बेहतर बनाने और 2024 तक सभी नए वाहनों के कम से कम 25 प्रतिशत बैटरी से संचालित हो ये सुनिश्चित करने के लिए काम किया है। दिल्ली परिवहन निगम दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक ट्रांसपोर्टरों में से एक है जो सीएनजी पर चलता है। बता दें देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।, खासकर सर्दियों के महीनों के दौरान एयर क्वालिटी काफी खराब हो जाती है। प्रदेश सरकार द्वारा ऑड-ईवन स्कीम समेत कई उपाय किए इसके बावजूद दिल्ली की हवा बेहतर नहीं हो सकी।
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