आरुषि मर्डर केस में बड़ा खुलासा, CBI ने दी थी झूठी रिपोर्ट
नयी दिल्ली। देश की बहुचर्चित मर्डर केस आरुषि-हेमराज में फैसला हो चुका है। आरोपी माता-पिता को सजा भी सुनाई जा चुकी है, लेकिन फैसले के इतने दिनों बाद इस हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। खुलासा भी ऐसा कि सुन कर आप सन्न रह जाएं। सीबीआई के पूर्व निदेशक की एक चिट्ठी ने ऐसा धमाका किया कि इस केस में नया मोड़ आ गया है।
सीबीआई के पूर्व निदेशक अमर प्रताप सिंह ने चिट्ठी लिखकर स्वीकार किया है कि मामले की जांच के लिए बनाई गई सीबीआई की पहली टीम ने हत्याकांड की गलत रिपोर्ट दी थी। उस रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां कीं। इस चिट्ठी में इस बात का खुलासा किया गया सीबीआई की रिपोर्ट को खामियों को नजरअंदाज करते हुए आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार और उनकी पत्नी नूपुर को क्लीन चिट दे दी गई थी।
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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक आरुषि हेमराज मर्डर केस की जांच कर पहले नोएडा पुलिस ने की, लेकिन बाद में उसे नोएडा पुलिस से सीबीआई के हवाले कर दिया गया। सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर अरुण कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। जांच की गई, लेकिन इस रिपोर्ट में कई खामी पाई गई। इसी रिपोर्ट के आधार पर तलवार दंपति को क्लीन चिट दे दी थी।
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सीबीआई रिपोर्ट में इस टीम ने हत्याकांड के असली वजहों को छुपाया। तलवार दंपत्तियों को बचाने के लिए सीबीआई ने तीन नौकरों राजकुमार, कृष्णा और विजय मंडल को आरोपी घोषित करने की कोशिश की और जबरन उनके बयान भी ले लिए, लेकिन वो उनके खिलाफ चार्जशीट नहीं दाखिल कर पाई। इस रिपोर्ट की खामियों के बाद सीबीआई डायरेक्टर रहे अश्विनी कुमार ने नई टीम बनाने का फैसला किया और इसकी कमान एजीएल कौल को सौंपी गई थी। पहले की टीम की खामियों के बाद टीम के चीफ एजीएल कौल ने हत्याकांड की तहकीकात की और मामलसे के तह तक पहुंचकर सच्चाई को उजागर किया। उन्होंने इस हत्याकांड के लिए आरुषि के माता पिता को दोषी करार दिया। बाद में गाजियाबाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।