Happy Diwali: बिहार के इस मंदिर में दिवाली पर लगाई जाती है लड्डू की बोली, लाखों में बिकता है एक
नालंदा। देशभर में कई ऐसी मंदिर हैं, जो अपनी मान्यताओं के लिए प्रचलित हैं। ऐसा ही एक मंदिर बिहार के नालंदा में है, जहां दिवाली की अगली सुबह लड्डू की बोली लगाई जाती है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट्स के मुताबिक मान्यता है कि जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को इसी जगह मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इसलिए दिवाली के खास मौके पर जैन धर्म के अनुयायी भगवान महावीर की याद में निर्वाण महोत्सव धूमधाम से मनाते हैं। इसी दौरान लड्डू की बोली लगाई जाती है।
100 किलो से ज्यादे वजन का होता है लड्डू
बता दें कि लड्डू कोई मामूली नहीं बल्कि 100 किलो से ज्यादा वजन वाले लड्डू की बोली लगाई जाती है। इस लड्डू की बोली लगाने के लिए अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं। लड्डू की बोली अगली सुबह चार बजे के आसपास लगाई जाती है। सभी श्रद्धालु दिवाली में पूरी रात जल मंदिर परिसर में जाप करते हैं और सबसे पहले बोली लगाने वाले श्रद्धालु को सुबह में लड्डू चढ़ाने का मौका दिया जाता है।
3.11 लाख रुपये की लगी थी बोली
इसके बाद चढ़ाए गए लड्डू को मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं के बीच बांटा जाता है। बता दें कि पिछले साल 108 किलो का लड्डू भगवान महावीर को श्वेतांबर भक्त की ओर से अर्पित किया गया था, जिसकी 3.11 लाख रुपये की बोली लगाई गई थी। दिगंबर जैन ट्रस्ट के प्रवक्ता प्रवीण जैन ने जागरण से बातचीत करते हुए बताया कि निर्वाण जाप दोनों पंथ के लोग एक साथ करते हैं।
श्रद्धालु तय करते हैं लड्डू की कीमत
लड्डू चढ़ाने के दौरान भी श्वेतांबर और दिगंबर एक-दूसरे के आयोजन में भागीदार बनते हैं। जीतम मिश्रा के अनुसार लड्डू की शुरुआती कीमत तय नहीं की जाती। इसकी श्रद्धालु ही शुरुआती कीमत लगाते हैं। ट्रस्ट सिर्फ यह तय करता है कि सबसे अधिक बोली लगाने वाले श्रद्धालु को विशाल लड्डू चढ़ाने का मौका मिले। महोत्सव के दौरान भगवान महावीर को चढ़ाया जाने वाला लड्डू शुद्ध घी, बेसन और मेवे से तैयार किया जाता है।
हर साल अलग-अलग जगहों से आते हैं कारीगर
पिछले वर्ष कुल 15 कारीगरों ने मिलकर 108 किलो का लड्डू तैयार किया था। बिहार स्टेट दिगंबर जैन तीर्थ कमिटी प्रतिवर्ष अलग-अलग जगहों के कारीगरों को लड्ड बनाने का मौका देती है। जैसे इस बार पवित्र निर्वाण लड्डू बनाने राजस्थान से कारीगर पहुंचे हुए हैं। राजस्थान के नागौर जिले के धोलियाडेर गांव के धनु महाराज के नेतृत्व में दस लोगों की टीम पहुंची हुई है। इस बार भगवान महावीर का 2554वां निर्वाण महोत्सव है।