मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ चलेगा मनी लॉन्ड्रिंग का केस
मुजफ्फरपुर। बिहार के बहुचर्चित बालिका गृहकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ अब मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चलेगा। प्रवर्तन निदेशालय यानी की ईडी ने पटना की विशेष अदालत में उसकी संपत्ति के पूर्व स्वामित्व और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा चलाने के लिए चार्जशीट दायर कर दी है। मनी लांड्रिंग के मामले में ब्रजेश के साथ ही उसके घरवालों को भी अभियुक्त बनाया गया है। बता दें कि इसी साल फरवरी में दिल्ली की अदालत द्वारा सजा सुनाई गई थी।
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जांच के बाद उसकी 7.3 करोड़ की संपत्ति को साल 2019 के मार्च माह में और 1.47 करोड़ की दूसरी संपत्तियों को इसी महीने जब्त किया गया। मनी लांड्रिंग के जरिये बनाई गई संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व और अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए ईडी के बुधवार को चार्जशीट दायर कर दी। दो दर्जन से ज्यादा प्लॉट जब्त किए गए हैं। ब्रजेश ठाकुर की जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है। उसमें 25 प्लॉट शामिल हैं। इनमें 12 पर निर्माण कार्य भी हुआ है। इसकी कीमत कागजात के मुताबिक साढ़े 6 करोड़ रुपये हैं।
ये सभी जायदाद ब्रजेश, उसकी मां और बेटे के नाम पर मुजफ्फरपुर के अलावा समस्तीपुर में हैं। वहीं मंगलवार को सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर द्वारा उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका का विरोध किया। याचिका में ठाकुर ने उस पर लगाए गए करीब 32 लाख रुपये के जुर्माने को स्थगित करने की अपील की है।
बता दें कि ब्रजेश ठाकुर पर बालिका गृहकांड मामले में 6 से अधिक लड़कियों ने रेप करने का आरोप लगाया था। ब्रजेश बालिका गृह की लड़कियों का यौन शोषण करता था। वहीं बड़े अधिकारियों तक लड़कियों को पहुंचाता था। मुजफ्फरपुर और पटना में ब्रजेश ने अड्डे बना रखे थे।
नवंबर 2018 में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की। इस मामले की सुनवाई बिहार से बाहर दिल्ली की अदालत में हुई थी। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को अदालत द्वारा सजा सुनाई गई। नवंबर, 2018 में इस केस की जांच सीबीआई ने संभाली थी और फरवरी 2020 में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया।
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