मुजफ्फरपुरः लॉकडाउन में बहन के घर फंसा था युवक, गांव वालों ने पीट-पीटकर मार डाला
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले सकरा थाना क्षेत्र के दोनमा गांव में दो मोहल्ले के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। दरअसल, बाइक से ठोकर लग जाने के मामूली विवाद ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद गांव के यादव और सोनार टोले में खूनी भिड़ंत हो गयी। इस दौरान सोनारपट्टी के एक युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस पर लोगों ने पथराव किया। इस पथराव में दारोगा ललन सिंह समेत कई पुलिस कर्मी घायल हो गए।
हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को गोली भी चलानी पड़ी, लेकिन पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। मृतक युवक 23 वर्षीय जितेन्द्र लॉकडाउन के चलते अपनी बहन के घर फंसा था। हत्या की साजिश रचने का आरोप सकरा थाना के स्थानीय चौकिदार राजकुमार पर लगा है। इस आरोप में चौकीदार राजू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक यादव टोला का रुपेश 19 मई के दिन में बाइक से निकला था। सोनारपट्टी में उसकी बाइक से एक युवक सुनील को ठोकर लग गयी।
इसके बाद 20 मई को जब रुपेश सोनरपट्टी से गुजर रहा था तो उसे कुछ लोगों नें रोक लिया और पूछताछ करने लगे। इसी दौरान किसी ने उसकी पिटाई भी कर दी। फिर रुपेश ने घर लौट कर परिजनों को मारपीट की जानकारी दी, जिसके बाद शाम के वक्त यादव टोले को दर्जनों लोग सोनारपट्टी में घुस गये और हमला कर दिया।
जवाब में सोनारपट्टी के लोग भी उतर आए और इसके बाद दोनों तरफ से भिड़ंत शुरू हो गयी, जिसमें दोनो ओर से फायरिंग की भी सूचना है। सोनरपट्टी के उमेश गुप्ता का साला जितेन्द्र समस्तीपुर से लॉकडाउन के पहले ही अपनी बहन के घर आया था। लॉकडाउन में वो यहीं फंस गया था और यहीं रहकर कंपटीशन की तैयारी करता था। आरोप है कि यादव टोले से आए लोगों नें जितेन्द्र पर हमला कर दिया। उसकी इतनी पिटाई हुई कि सकरा रेफरल अस्पताल ले जाने के रास्ते में उसकी मौत हो गयी।
मृतक के भांजे सोनू ने आरोप लगाया है कि पुलिस जब पहुंची तो जितेन्द्र की पिटाई चल रही थी लेकिन पुलिस नें यादवों के बदले सोनार टोले के लोगों को हीं खदेड़ दिया। उसके बाद पत्थरबाजी हो गयी जिसमें दारोगा ललन सिंह समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। घटना इतनी ज्यादा बढ़ गई कि शहर से सिटी एसपी, एसएसपी, एएसपी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंचना पड़ा।