बहादुर रिया चौधरी के कातिलों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए भेजा जेल, पिता को बचाने सीने पर खाई थी गोली
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में सन 2014 में हुए रिया हत्याकांड में बुधवार को कोर्ट ने 3 आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। एडीजी प्रथम की कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं कोर्ट ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया। रिया ने अपने पिता पर चली गोली को अपने सीने पर खाकर अपने पिता की जान बचाई थी लेकिन रिया की मौके पर ही मौत हो गई थी। रिया को मरणोपरांत प्रधानमंत्री ने बाल वीरता पुरस्कार व मुख्यमंत्री ने रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया था।
दरअसल भौराकलां थाना क्षेत्र के गांव मुंडभर में 10 मार्च 2014 की सुबह विवाद में गांव के कुछ बदमाशों ने आकर रिया के पिता सुरेश को निशाना बनाकर फायरिंग शुरू की थी। रिया ने बदमाशों को देखते ही अपने पिता के सामने आ खड़ी हुई जिससे पिता सुरेश को लगने वाली गोली को अपने सीने पर खाते हुए अपने पिता सुरेश की जान बचा दी थी लेकिन रिया की मौके पर ही मौत हो गई थी। रिया के पिता ने सुरेश ने गांव के तीन भाइयों सुनील रोहताश ललित व पूर्व प्रधान बिल्लू को नामजद करते हुए थाने में तहरीर दी थी। जिसमे पुलिस ने बिल्लू सुनील और ललित को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन रोहताश सालों फरार रहा था।
मामला सीबीआई में पहुंचा तो रोहताश पर सीबीआई ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था बाद में इनाम बढ़ाकर एक लाख कर दिया था। रोहताश को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पूरे मामले की सीबीआई ने गहनता से जांच कर तीन आरोपियों ललित रोहताश व सुनील के खिलाफ चार्जशीट लगा दी थी जबकि पूर्व प्रधान बिल्लू के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत ना मिलने पर उसे क्लीनचिट दे दी थी। एडीजे प्रथम कोर्ट ने भी ललित सुनील और रोहताश को आरोपी सिद्ध करते हुए दोषी करार दे दिया है और कल तक के लिए फैसला सुरक्षित रख दिया है। आरोपियों को कोर्ट ने कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया है। रिया को मरणोपरांत 2015 में प्रधानमंत्री ने बाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया था। वहीं सपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया था।
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