मुजफ्फरनगर हिंसा को लेकर संजीव बालियान ने देवबंद पर उठाए सवाल, कहा- होनी चाहिए मदरसों की जांच
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर सिटीजन अमेंडेमेंट एक्ट को लेकर जिले में हुई हिंसा पर शुक्रवार को बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री व सांसद डॉ संजीव बालियान का एक बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें मंत्री ने 20 दिसम्बर को जले मुज़फ्फरनगर पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए देवबंद मदरसों की जांच की बात कही। इतना ही नहीं मंत्री संजीव बालियान ने जमीयत उलेमा ए हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव महमूद मदनी पर सवाल खड़ा करते हुए मदनी की जांच कराए जाने की बात को भी कहा।
केंद्रीय मंत्री बालियान ने कहा कि 12 से 15 साल के नाबालिग बच्चों के साथ-साथ कुछ बच्चे मदरसों के भी गिरफ्तार हुए हैं। आखिर मदरसों के बच्चे किसने और क्यों निकाले इसकी जाँच हो, कारगिल के सांसद का मेरे पास फोन आया था। उन्होंने बताया था कि कारगिल का एक बच्चा भी मुज़फ्फरनगर उपद्रव में शामिल था। आखिर वो कैसे यहां आए और किसने उसे भेजा, इसकी भी जाँच हो।
साथ ही उन्होंने कहा कि मदरसों को कंट्रोल करने का काम कौन करता है और किसके कहने पर मदरसों से बच्चे यहाँ आये, ये भी जाँच का विषय है। जनपद के सबसे नजदीक देवबंद होने और मुज़फ्फरनगर हिंसा में मदरसों के बच्चों की भूमिका होने पर भी अपनी नाराज़गी व्यक्त की।
मंत्री बालियान ने कहा कि ये मदरसों से जुड़ा हुआ मामला है। एक जांच ये भी हो कि मदरसों से बच्चे यहां पर कैसे आये। मैंने प्रशासन से खुद कहा है कि इस मामले में जो भी नाबालिग बच्चे हैं, उनके साथ नम्रता से पेश आया जाये और उन्हें एक मौका दिया जाये, इसमें उन्हें ना फसाया जाये।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 50 हजार लोग किसके कहने पर बाहर आये, इसकी किसी राजनीतिक पार्टी या धार्मिक संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। अगर कोई लेता तो कोई बात नहीं थी। लेकिन किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली है तो इसकी भी जांच होनी चाहिए। मंत्री ने महमूद मदनी के विवादित बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी भी जांच होनी चाहिए।
यह भी पढ़ेंः सीएए का काम शुरू हो चुका है, एनआरसी घुसपैठिए-आतंकी तत्वों को खदेड़ने का कानून: CM रूपाणी