महाराष्ट्र में चलेगा मोदी का जादू या शिवसेना ले डूबेगी भाजपा का जहाज
शिवसेना की बदजुबानी और अड़ियल पन इस बार होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के सारे किए धरे पर पानी फैर देगा, या फिर सबको पछाड़ते हुए नरेंद्र मोदी का जादू महाराष्ट्र में चल जाएगा। यह सवाल बना हुआ है। क्योंकि पिछले पच्चीस वर्षों से महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी का पलड़ा भारी रहा है। शिवसेना भले ही भाजपा के वरिष्ठनेता लोकसभा में भारी जीत के बाद काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं लेकिन लेकिन इस पर अभी भी संश्य है कि इस बार महाराष्ट्र की जनता उसी उत्साह के साथ भाजपा को वोटे देगी जिस उत्साह से लोकसभा में दिया था।
इसलिए लग सकता है मोदी के जादू को झटका
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गया है। इस बार भाजपा का लोकसभा जीत का उत्साह ठंडा हो सकता है। दरअसल, महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना के सांसद की ओर से एक मुस्लिम युवक के साथ जोर जबर दस्ती से मुंह में रोटी ठूंसने के मामले ने समाज के मुस्लिम तबके को झकझोर दिया है। इसकी बहुत कम संभावनाएं हैं कि महाराष्ट्र में मुस्लिम तबका का वोट नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा की झोली में पड़ जाए।
राज्य में दूसरा सबसे बड़ा धर्म इस्लाम है। और इसको मानने वालों की कुल जनसंख्या करीब 15 लाख है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिवसेना ने अपने एक कृत्य से कितने मुस्लिम समुदाय का धीरे-धीरे मजबूत हो रहे विश्वास को टूटा होगा। लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के करिश्मे से हर तबका प्रभावित हुआ था। इसी के आधार पर शिवसेना ने जब नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था तो एक समुदाय की साहनुभूति शिवसेना के साथ जुड़ने लगी थी। लेकिन रोजेदार के साथ बदसलूकी ने इतना काम कर दिया है कि बरसों पुराना भाजपा का महाराष्ट्र की सत्ता पर राज करने वाला सपना इस बार भी टूट सकता है।
मराठी वोट भी बिखरेगा
वहीं इसके उलट महाराष्ट्र कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने मराठा समुदाय को आरक्षण देकर मराठा कार्ड खेल दिया है। जिससे मराठा समुदाय का कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की ओर खिंच सकता है। जिसके बाद रहा सहा वोटबैंक भी भाजपा-शिवसेना गठबंधन के पाले से खिसक जाएगा।
इस उलझन में है जनता
महाराष्ट्र की जनता अच्छे विकल्प की तलाश में है। हो सकता है कि अच्छे विकल्प न होने की स्थिति में मतदान बिखरा हुआ आए और उस बिखरे हुए मतदान में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन हाथ मार जाए।