सुप्रीम कोर्ट को शिवसेना की धमकी, 'मान्यताओं पर लक्ष्मण रेखा पार नहीं करें'
मुंबई। महाराष्ट्र में दही-हांडी के आयोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देश पर शिवसेना ने नाराजगी जताई है। शिवसेना ने कहा कि हिंदू त्योहारों के जश्न में बाधा डालने के ऐसे निर्देशों को लोग खुद ही विफल कर देंगे।
मुखपत्र
'सामना'
में
शिवसेना
ने
रखा
पक्ष
गणेशोत्सव, दही-हांडी और नवरात्र जैसे सभी त्योहार हमारी आस्था के रूप हैं। शिवसेना ने कहा कि कोर्ट को हमें इन त्योहारों को मनाने के लिए जरूरी निर्देश देकर अपनी लक्ष्मण रेखा नहीं लांघनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश- दही हांड़ी में शामिल नहीं होंगे 18 साल से कम के गोविंदा
शिवसेना ने कहा कि लोग लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार को चुनते हैं। ये सरकार तय करेगी कि वो कैसे काम करती है?
सरकार के वरिष्ठ पदों पर बैठे हुए लोग जानते हैं कि आखिर क्या उनके लिए सही है और क्या गलत। अगर किसी ने इसे हटाने की कोशिश की या लोकतंत्र की हत्या की तो पूरा राष्ट्रीय सिस्टम ही खतरे में पड़ जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शिवसेना का जवाब
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में ये बातें कही गई हैं। शिवसेना की ओर से कहा गया कि अदालतें जिस तरह से फतवा जारी कर रही हैं। हिंदुओं के त्योहार में संस्कार और रीति-रिवाज होतें हैं। अगर उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो लोगों में नाराजगी बढ़ जाएगी। शिवसेना ऐसे किसी भी फैसले का विरोध करेगी और लोगों के गुस्से का नेतृत्व करेगी।
जजों की नियुक्ति पर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में फिर ठनी
शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया कि अगर सरकार की नीतियों में न्यायालय घुसने की कोशिश करेंगे तो कीचड़बाजी का मुकाबला करने की तैयारी भी उन्हें कर लेनी चाहिए। दही हांडी के बहाने कोर्ट ने जो फैसला दिया है उससे जनता में आक्रोश है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अहम दही-हांडी कार्यक्रम को लेकर अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे दही हांडी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे और न ही दही-हांडी के पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से ज्यादा होगी।