दही-हांडी फोड़ने के लिए नाबालिगों पर रोक पर एचसी की रोक
मुंबई।
गत
दिनों
दही-हांडी
फोड़ने
के
त्योहार
के
अवसर
पर
मानवीय
पिरामिड
से
गिरने
से
एक
नाबालिग
बच्चे
मौत
के
बाद
महाराष्ट्र
पुलिस
कमिश्नर
की
ओर
से
नाबालिगों
को
दही-हांडी
फोड़ने
के
लिए
पिरामिड
पर
चढ़ने
से
रोक
लगा
दी
थी।
जिसके
बाद
मुंबई
हाईकोर्ट
ने
संज्ञान
लेकर
इस
मुद्दे
पर
आदेश
जारी
करते
हुए
नाबालिगों
को
लिए
पिरामिड
बनाकर
दही
हांडी
फोड़ने
पर
तत्काल
पूरी
तर
से
रोक
लगाई।
लेकिन देश के सबसे बड़े न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हाई कोर्ट के आदेश को ही पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दही हांडी फोड़ने वाली टीम में नाबालिग बच्चों पर लगाई गई रोक को पलटते हुए नाबालिग बच्चों को भाग लेने के लिए अनुमति दे दी है।
12 साल के बच्चे ज्यादा छोटे होते हैं। इसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों को दही हांडी में हिस्सा लेने से मना किया है। जबकि मुंबई हाई कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें 18 साल से कम उम्र के नाबालिगों के दही-हांडी फोड़ने की टीम में शामिल होने से मना किया गया था। दरअसल, मुंबई हाई कोर्ट का यह आदेश तब आया जब एक नाबालिग बच्चे की इसी कार्यक्रम के दौरान मौत हो गई थी। आपको बता दें कि मुंबई और पुणे में ज्यादा से ज्यादा समाजिक संगठन इस कार्यक्रम को मनाते हैं।